सागर. शहर के बरियाघाट में जैन समाज का नया तीर्थ क्षेत्र सागरोदय तीर्थ बनने जा रहा है। यहां स्थित करीब 400 वर्ष से अधिक पुराने आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर (घटिया मंदिर) और पारसनाथ दिगंबर जैन ( बड़ा मंदिर) को नया आकार मिलेगा। आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर की प्रतिमाओं को अभी बड़ा जैन मंदिर में स्थापित कर दिया गया है। दोनों पुराने मंदिर को पहले गिराया जाएगा और उसी स्थान पर नए तीर्थ क्षेत्र का निर्माण कार्य किया जाएगा।तीर्थ का निर्माण निर्यापक मुनि सुधा सागर महाराज के सानिध्य में कराया जाएगा। जिसका जल्द शिलान्यास होगा। वर्णी भवन मोराजी में मुनि सुधा सागर महाराज के सानिध्य में तीर्थ क्षेत्र के नक्शे का लोकापर्ण किया गया। धर्मसभा में सुधा सागर महाराज ने बताया कि सागरोदय तीर्थ देशभर में पहचाना जाएगा। यहां 24 जिनालयों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 24 जिनालय के स्वरूप पर निर्णय लिया जा रहा है। ये जिनालय ऊंचे शिखर या गुफा में बनाए जाएंगे। इसके साथ यहां बड़ी से बड़ी भगवान पारसनाथ की मूर्ति स्थापित की जाएगी। साथ ही तीर्थ क्षेत्र में संत भवन, धर्मशाला और बालिका छात्रावास का निर्माण किया जाएगा।
मूर्तियों की बड़े मंदिर में स्थापना सागरोदय तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष मेडिसन डॉ. मनीष जैन ने बताया कि मंदिर के निर्माण की तैयारी शुरू हो गई है। बड़ा जैन मंदिर में स्थित धर्मशाला में रहने वाले सभी लोगों ने जगह खाली कर दी है। इसके अलावा घटिया के जैन मंदिर की वेदी भी खाली कर दी हैं। यहां की प्रतिमाओं को बड़े मंदिर में स्थापित किया गया। अभी एक तरफ से काम शुरू होगा। उन्होंने बताया कि यहां बालिका छात्रावास भी बनेगा। जिसमें जैन समाज की बच्चियां रह सकेंगी। सागर में पढ़ाई कर रही बच्चियों को सुविधा मिलेगी। इसके अलावा एक कम्यूनिटी हॉल होगा। जिसमें सामाजिक कार्यक्रम होंगे।