12 फरवरी 1956 की रात्रि ओशो इस महुआ वृक्ष के नीचे ध्यान मग्न थे। अचानक उनकी देह चेतना से अलग हो गयी। शरीर धरती पर गिर गया, उन्होंने देखा उनकी चेतना शरीर से अलग है।
सागर•Mar 20, 2016 / 03:46 pm•
Widush Mishra
Hindi News / Sagar / यहां से रजनीश बन गए थे ओशो, महुए के पेड़ तले मिला था ज्ञान