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2025 : टाइगर रिजर्व में बढ़ेगी बाघों की संख्या, पर्यटन बढऩे के साथ नए रिजॉर्ट-होटल भी तैयार होंगे

देश के 8वें सबसे बड़े वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व के लिए साल 2025 बेहद महत्तवपूर्ण रहने की उम्मीद है। यहां पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभाग के साथ पर्यटन विकास निगम ने

सागरJan 12, 2025 / 06:08 pm

Madan Tiwari

देश के 8वें सबसे बड़े टाइगर रिजर्व में नए साल में मिलेंगी नई सौगातें

सागर. देश के 8वें सबसे बड़े वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व के लिए साल 2025 बेहद महत्तवपूर्ण रहने की उम्मीद है। यहां पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभाग के साथ पर्यटन विकास निगम ने तो काम शुरू कर ही दिया है। इसके साथ यहां देश के बड़े-बड़े बिजनेसमैन भी रिजॉर्ट, होटल आदि के लिए जमीन तलाश रहे हैं। इसमें ओबेराय, ताज जैसे देश के बड़े होटल ग्रुप के अलावा जबलपुर, भोपाल, इंदौर के साथ महानगर दिल्ली-मुंबई के उद्योगपति भी शामिल हैं। वहीं सबसे अच्छी बात यह है कि इस साल टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में इजाफा होना भी तय माना जा रहा है।

– बफर जोन ओपन करने की तैयारी

टाइगर रिजर्व प्रबंधन पर्यटन को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। यहां अब सैलानियों के लिए बफर जोन ओपन करने की तैयारी है। बफर जोन ओपन होने के बाद सैलानी बारिश के दौरान जंगल के प्राकृतिक नजारों के साथ अन्य वन्यजीवों की अठखेलियों का भी लुफ्त उठा सकेंगे। वन विभाग के अनुसार कुल 2339 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में से 1414 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बाघों का मूवमेंट है उसे कोर एरिया घोषित किया गया है, इसके अलावा बाकी 925 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र बफर जोन है।

– 6 साल में 11 गुना बढ़ी बाघों की संख्या

तीन जिलों सागर, दमोह व नरसिंहपुर तक 2339 वर्ग किलोमीटर में फैला वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व देश का 8वां सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। यहां बाघों के लिए 1414 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र संरक्षित कर कोर एरिया घोषित किया गया है। अच्छी बात यह है कि यहां बाघों का कुनबा जितनी तेजी से बढ़ा है, उतना शायद ही कहीं ओर बढ़ा हो। 2018 में एक बाघ व एक बाघिन को छोड़ा गया था और पिछले 6 साल में इनकी संख्या बढ़कर 23 हो गई है, यानी यहां 6 साल में 11 गुना बाघ बढ़े हैं। वहीं नए साल-2025 में बाघों की संख्या बढऩा भी तय माना जा रहा है।

– भेडिय़ों का गढ़ है

वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व पहले भेडिय़ों के गढ़ में रूप में पहचाना जाता था। वन विभाग के अनुसार यहां टाइगर की संख्या तो लगातार बढ़ ही रही है, लेकिन यह प्राकृतिक रूप से भेडिय़ों का गढ़ माना जाता है। टाइगर रिजर्व बनने के पहले अभयारण्य के मोनो पर भी भेडिय़ा का ही चित्र अंकित था। इसके अलावा काले हिरण, चिंकारा, नील गाय सहित अन्य वन्य जीव भी बढ़ी संख्या में मौजूद हैं।

– फैक्ट फाइल

03 जिलों में फैला टाइगर रिजर्व

2339 वर्ग किलोमीटर कुल क्षेत्र

1414 वर्ग किलोमीटर टाइगर रिजर्व में कोर क्षेत्र

925 वर्ग किलोमीटर बफर जोन

23 हुई बाघों की संख्या
96 गांव होने हैं विस्थापित

33 गांव हो चुके विस्थापित

12 नए गांव का तैयार किया है प्रस्ताव

546 करोड़ रुपए की डिमांड भेजी

– मुहली गेट पर फोकस

नया साल नई सौगातें देने वाला होगा, टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है। यहां देश के बड़े होटल ग्रुप जमीन तलाश रहे हैं। रहली की ओर टाइगर रिजर्व के मुहली गेट की तरफ लोगों का फोकस है। हमारा प्रयास भी सैलानियों की सुविधाओं को बढ़ाने पर हैं।
डॉ. एए अंसारी, उप संचालक, वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व

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