ताजा घटनाक्रम दमोह जिले का है, जहां नशेड़ी ट्रक चालक ने सवारी ऑटो को कुचल दिया। मंगलवार 24 सितंबर को एक नशेड़ी ट्रक चालक ट्रक चालक ने सवारियों से भरे ऑटो को कुचल दिया, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 7 लोग एक ही परिवार के थे। घटना बांदकपुर रोड की है। पुलिस के अनुसार आरोपी ट्रक चालक ने दमोह से निकलते ही रास्ते में शराब पी, इसके बाद उसकी रफ्तार इतनी तेज हो गई उसे बांदकपुर रोड आगे जा रहा ऑटो नजर नहीं आया और पीछे से उसे टक्कर मारते हुए कुचल दिया। चालक ने इतनी ज्यादा शराब पी रखी थी कि मंगलवार देर रात तक नशा नहीं उतरा।
नशे में सड़क पर लहराता रहा, वीडियो भी वायरल हुए
सागर-दमोह रोड पर 2 अगस्त को एक नशेड़ी ट्रक चालक ने सामने आ रहे कार को टक्कर मारी। ट्रक की रफ्तार इतनी तेज थी कि कार सड़क के बाजू से लगी खाई में उतरी और ट्रक उसके ऊपर चढ़ गया। कार में दबने से परसोरिया निवासी जैन परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई, जिसमें एक तीन महिलाएं और एक 4 साल का बच्चा भी शामिल था। इस घटना के पहले के कुछ वीडियो वायरल हुए, जिसमें ट्रक सड़क पर लहराते हुए दौड़ता नजर आया।
ट्रक में पीछे से घुसा ऑटो, 7 की मौत
20 अगस्त को छतरपुर जिले में हुए सड़क हादसे में 7 लोगों की मौत हुई थी। सवारियों से भरा ऑटो उत्तरप्रदेश से बागेश्वर धाम जा रहा था। सुबह 5 बजे ऑटो छतरपुर शहर से 10 किलोमीटर दूर कदारी गांव के पास पहुंचा, तभी ड्राइवर को नींद की झपकी आई और वह आगे जा रहे ट्रक में घुस गया। मरने वालों में श्रीवास्तव परिवार के चार सदस्य, यादव परिवार के दो और ड्राइवर शामिल था। हादसे में ऑटो में सवार 6 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
ट्रॉली पलटने से 4 की मौत
दमोह जिले में 2 सितंबर को श्रद्धालुओं से भरी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से 4 लोगों की मौत हुई थी, जबकि हादसे में 20 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। घटना दमोह के फतेहपुर चौकी के समीप हुई थी। घूघस गांव के लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर छतरपुर के जटाशंकर धाम के लिए घर से निकले थे।
यहां नशेड़ी रईसजादे ने 4 की जान ली थी
सागर-खुरई मार्ग पर भी 19 जून को एक नशेड़ी रईसजादे ने दो बाइक सवारों को टक्कर मारी थी, जिसमें कुल 4 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में कर्रापुर के पास स्थित गोरा गांव के एक ही परिवार के तीन सदस्य शामिल थे, तो एक मोकलपुर गांव का रहने वाला 25 वर्षीय एमआर था। मामले में पुलिस ने रईसजादे को हवालात के अंदर सुख-सुविधाएं मुहैया कराईं और केस भी कमजोर बनाया, लेकिन मामले ने तूल पकड़ा तो केस में धाराएं बढ़ानी पड़ीं।