बांध के 16 गेटों को डेढ़-डेढ़ मीटर खोला गया है। जिनसे सोन नदी में 5027 क्यूमेक्स पानी की निकासी हो रही है। एक दिन पहले छह गेट खोले गए थे, जिससे बांध के पानी को नियंत्रित किया जा रहा था, कुछ समय के लिए जलस्तर स्थिर हुआ तो गेटों को बंद कर दिया गया था लेकिन कुछ ही घंटे के बाद फिर से पानी की आवक बढऩे लगी तो दोपहर 12.58 बजे 14 गेट एक-एक मीटर खोले गए।
उस दौरान 2926 क्यूमेक्स पानी डिस्चार्ज हो रहा था। जलस्तर डेंजर प्वाइंट की ओर बढ़ते देख कुछ ही देर के बाद 16 गेट खोले गए जिनसे 5027 क्यूमेक्स पानी सोन नदी में जाने लगा। मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार तीन राÓयों की संयुक्त परियोजना होने की वजह से तीनों राÓयों की सरकारों के प्रमुख अधिकारी आपस में संपर्क बनाए हुए हैं। बांध का जलस्तर बढऩे पर सोन नदी में पानी छोड़ा जाता है, यह पानी बिहार में तबाही लाता है। इस कारण देर शाम बिहार के अधिकारियों ने जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर बांध के पानी की जानकारी ली।
– ऐसे बढ़ा बांध का जलस्तर
सुबह आठ बजे- 341.35 मीटर
दोपहर 12 बजे- 341.36 मीटर
सायं चार बजे- 341.33 मीटर
रात्रि आठ बजे- 341. 31 मीटर
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बांध का डेंजर प्वाइंट – 341.64 मीटर
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निचले हिस्सों में अलर्ट जारी
बांध का पानी एक दिन पहले भी छोड़ा गया था, उसी दौरान सोन नदी के निचले हिस्से के क्षेत्रों के लोगों को सूचित किया गया था। अब 16 गेट खोले जाने के बाद देवलौंद के साथ ही सीधी एवं सिंगरौली जिले में नदी के किनारे के गांवों में एनाउंस भी किया गया है कि नदी का पानी बढऩे की संभावना है इसलिए नदी के किनारे नहीं जाएं।
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बांध में दोपहर के समय पानी की आवक तेज हुई थी, जिसके चलते 16 गेट खोले गए हैं। पानी नियंत्रित हो जाएगा तो धीरे-धीरे कर गेट बंद करेंगे। यदि आवक तेज हुई तो दो और गेट खोलने पर भी विचार किया जा रहा है।
हरीश तिवारी, कार्यपालन यंत्री बाणसागर बांध
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सुबह आठ बजे- 341.35 मीटर
दोपहर 12 बजे- 341.36 मीटर
सायं चार बजे- 341.33 मीटर
रात्रि आठ बजे- 341. 31 मीटर
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बांध का डेंजर प्वाइंट – 341.64 मीटर
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निचले हिस्सों में अलर्ट जारी
बांध का पानी एक दिन पहले भी छोड़ा गया था, उसी दौरान सोन नदी के निचले हिस्से के क्षेत्रों के लोगों को सूचित किया गया था। अब 16 गेट खोले जाने के बाद देवलौंद के साथ ही सीधी एवं सिंगरौली जिले में नदी के किनारे के गांवों में एनाउंस भी किया गया है कि नदी का पानी बढऩे की संभावना है इसलिए नदी के किनारे नहीं जाएं।
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बांध में दोपहर के समय पानी की आवक तेज हुई थी, जिसके चलते 16 गेट खोले गए हैं। पानी नियंत्रित हो जाएगा तो धीरे-धीरे कर गेट बंद करेंगे। यदि आवक तेज हुई तो दो और गेट खोलने पर भी विचार किया जा रहा है।
हरीश तिवारी, कार्यपालन यंत्री बाणसागर बांध
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