इस कार्य के लिए भारत सरकार की एजेंसी एचएससीसी को जिम्मेदारी दी गई है। एचएससीसी के इंजीनियर डिजाइन के साथ रीवा आये। उद्योगमंत्री राजेन्द्र शुक्ल और संभागायुक्त महेश चंद्र चौधरी, कलेक्टर प्रीति मैथिल, डीन डॉ. पीसी द्विवेदी और अधीक्षक डॉ. एपीएस गहरवार ने बैठक कर पूरे प्रोजेक्ट पर चर्चा की। बैठक में मंत्री ने बताया कि गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल जीएमएच का भी कायाकल्प किया जाएगा। इसके लिये कार्य योजना बनाकर तत्काल प्रस्तुत करें। सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल को जीएमएच से जोडऩे के लिये सुंदर कॉरीडोर बनाया जाएगा। हॉस्पिटल के प्रवेश द्वार, जीएमएच तथा परिसर को सुंदर, आकर्षक और हरा-भरा बनाने की नई डिजाइन भी प्रस्तुत की गई। जीएमएच के पुराने भवन में लिफ्ट लगवाने और रैम्प बनाने की राशि का प्रस्ताव सामाजिक न्याय विभाग को भेजा जा चुका है। समस्त निर्माण कार्य 30 जून तक पूरे कर लिये जाएंगे। मालूम हो कि गांधी स्मारक चिकित्सालय 1951 में बना था। करीब 66 साल पुराना अस्पताल है। दीवारें मजबूत हैं लेकिन छत दरक गई है। जिसे लेकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन काफी समय से प्रयासरत था। सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का निर्माण निर्धारित समय.सीमा में पूरा कराया जाएगा। उधर उद्योगमंत्रह अधीक्षक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के लिये आवश्यक डाक्टरों तथा अन्य कर्मचारियों के पदों की भर्ती प्रक्रिया जल्द ही प्रारंभ हो जाएगी।
300 भवनों के निर्माण को 70 करोड़
हॉस्पिटल परिसर में ही 70 करोड़ रुपए की लागत से मल्टी स्टोरी भवन में 300 से अधिक आवास बनाने का कार्य मंजूर हो गया है। इसका निर्माण शीघ्र प्रारंभ होगा। परिसर में पार्किंग निर्माण, सडक़ निर्माण, जल निकासी व्यवस्था के संबंध में निर्देश दिए गए हैं।
नई मैटरनिटी विंग का होगा निर्माण
जीएमएच परिसर में ही गायनी विभाग अन्तर्गत नई मैटरनिटी विंग स्थापित की जाएगी। इसके लिए भी मंजूरी मिल गई है। जिसमें मॉडर्न लेबर रूम सहित अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। इसके अलावा परिजनों को ठहरने के लिए रेस्ट स्टेशन बनेगा। जहां पर भोजन बनाने से लेकर रुकने की पर्याप्त व्यवस्था रहेगी।