बता दें कि, ये दर्दनाक हादसा रविवार दोपहर 12 बजे का है। विश्वविद्यालय थाना सोनौरा – इटौरा के बीच गुजरने वाली बाणसागर बांध की नहर में तीन बहनें कपड़े धोने के लिए पहुंची थी। तीनों बहनों को डूबता देख नहर के पास के खेत में काम कर रही एक महिला उन्हें बचाने के लिए दौड़ी, लेकिन तब तक तीनों ही नहर में डूब चुकी थीं। सूचना मिलने के बाद विश्वविद्यालय पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से तीनों के लड़कियों के शव नहर से निकाल लिए हैं।
यह भी पढ़ें- सरकारी अस्पताल के बाहर महिला डॉक्टर अपनी कार से बेच रही दवाइयां, BMO ने किया EXPOSE
कपड़े धोने के बाद नहाने नहर में उतर गईं थी तीनों
मामले की जांच में जुटे विश्वविद्यालय थाना प्रभारी निरीक्षक विद्यावारिध तिवारी का कहना है कि, गढ़ इलाके के अंतर्गत आने वाले कोलहई गांव के रहने वाले शिवकुमार साकेत शहर के इटौरा में रहते हैं। दोनों पति – पत्नी मजदूरी का काम करते हैं। रविवार की सुबह करीब साढ़े 9 बजे शिवकुमार साकेत अपनी पत्नी को लेकर मजदूरी पर निकल गए थे। वो अपने घर में 4 बेटियों और एक बेटे को छोड़ गए थे। ऐसे में रेशू साकेत 18 वर्ष, रन्नू साकेत 16 वर्ष और रेश्मा साकेत 13 वर्ष कपड़े धोने के लिए घर से नहर पर चली गई थीं। यहां कपड़े धोने के बाद तीनों बहने नहर में नहान उतर गईं। इस दौरान छोटी बहन गहरे पानी में चली गईं। उसे बचाने के लिए दोनों बड़ी बहनें भी गहरे पानी में गईं, जहां तीनों डूब गईं।
यह भी पढ़ें- शिवपुरी जिले में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरु, 5 जनवरी को होगा मतदान
गोताखोरों की मदद से तीनों शव नहर से निकाले गए
इस दर्दनाक हादसे को इलाके की एक महिला संध्या रावत ने देखा। संध्या के अनुसार, वो नहर के नजदीक स्थित खेत पर काम कर रही थीं, तभी उन्होंने तीनो बालिकाओं को नहर में डूबते देखा, लेकिन, जबतक वो उन्हें बचाने के लिए नहर तक पहुंचीं तीनों पानी में डूब चुकी थीं। उन्होंने घटना की जानकारी देने के लिए सोर मचाया। इसके बाद मौके पर स्थानीय लोग इकट्ठे हो गए। वहीं, करीब दोपहर एक बजे डायल 100 को घटना की जानकारी दी गई। सूचना पर विश्वविद्यालय थाना पुलिस गोताखों को लेकर मौके पर पहुंची और गोताखोरों की मदद से तीनों बहनों के शवों को नहर से बाहर निकाल लिया गया। तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, दूसरी तरफ पुलिस द्वारा मृतक बच्चियों के माता – पिता को सूचना दे दी गई है।