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टीएचसी की दो इकाइयों में उत्पादन ठप, तीसरी में भी तकनीकी खराबी

प्रबंधन की लापरवाही के चलते करोड़ों रुपए का हुआ नुकसान

रीवाOct 12, 2022 / 04:13 pm

Mrigendra Singh

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Tons Hydel corporation Sirmaur rewa Mp


रीवा। टोंस हाइडल कार्पोरेशन सिरमौर की विद्युत उत्पादन इकाइयों की स्थिति ठीक नहीं है। इनदिनों दो इकाइयां पूरी तरह से ठप हैं और उनमें मेंटेनेंस का कार्य चल रहा है। वहीं एक यूनिट में उत्पादन हो रहा है लेकिन अब उसमें भी तकनीकी खामियां सामने आई हंै। प्रबंधन तकनीकी खामियों के मेंटेनेंस की तैयारियां कर रहा है। साथ ही इस इकाई को बंद नहीं करना चाह रहा है।
यदि यह इकाई भी बंद की गई तो पूरा प्लांट ठप हो जाएगा। पहले से ही सवालों में घिरे टीएचसी प्रबंधन के लिए मुश्किलें और बढ़ जाएंगी इस कारण एक यूनिट का चलाए रखकर अपनी साख भी बचाए रखने का प्रयास है। तीन इकाइयों के इस पॉवर प्लांट में 105-105 मेगावाट क्षमता की सभी इकाइयां हैं। जिसमें दो के बंद होने से उत्पादन का पूरा भार एक इकाई पर आ गया है।
लंबे समय से यह लगातार चल रही है इस कारण इसमें भी मरम्मत की जरूरत तकनीकी विशेषज्ञों ने बताई है। कहा जा रहा है कि कभी भी इसमें बड़ी खराबी आ सकती है जिससे उत्पादन रोकना पड़ेगा, इसके बावजूद अभी तक इसके मेंटेनेंस को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है। वर्तमान में दो इकाइयां ठप हैं और यूनिट नंबर दो से उत्पादन हो रहा है। इसका नियमित उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। तकनीकी रूप से आ रही खामियों के चलते इससे हर दिन दस से 15 लाख यूनिट ही बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।

दो साल से बंद है यूनिट नंबर तीन
टीएचसी की यूनिट नंबर तीन करीब ढाई वर्षों से बंद है, यहां पर बिजली का उत्पादन नहीं हो रहा है। यह 14 जून 2020 को तकनीकी खराब के चलते बंद हो गई थी। इंजीनियरों ने जांच में पाया कि पूर्व से रही खराबी को नहीं सुधारे जाने की वजह से पूरी मशीन खराब हो चुकी है। उनदिनों कोरोना काल और लॉकडाउन की वजह से कई तरह की समस्याएं भी आईं जिसके चलते मेंटेनेंस की शुरुआत कराने में समय लग गया। बाद में बीएचईएल के इंजीनियरों ने मेंटेनेंस शुरू किया। इसका कार्य 13 जुलाई 2022 को पूरा हुआ और बिजली उत्पादन प्रारंभ किया गया। इसके कुछ दिन बाद ही अगस्त के पहले सप्ताह में ही फिर से यूनिट ठप हो गई। जिसकी वजह से अब फिर से मरम्मत कार्य शुरू किया गया है। इसमें लापरवाही की वजह से अधीक्षण यंत्री एचएस तिवारी को निलंबित भी कर दिया गया है। अब एमपी पॉवर जनरेटिंग कंपनी ने इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट के साथ ही उन सभी अधिकारियों की जिम्मेदारियों से जुड़ी रिपोर्ट तलब कर दी है, जिनकी लापरवाही की वजह से करीब ढाई वर्ष से उत्पादन नहीं हो रहा है और एक बार मेंटेनेंस होने के बाद फिर से खराबी आ गई है।

यूनिट नंबर एक का मेंटेनेंस भी रुका
करीब दस महीने पहले खराब हुई यूनिट नंबर एक से भी बिजली का उत्पादन पूरी तरह से ठप पड़ा है। इसका मेंटेनेंस बीएचईएल के इंजीनियर्स कर रहे थे। इसी दौरान यूनिट नंबर तीन में दोबारा खराबी आ गई, जिसकी वजह से यूनिट नंबर एक का काम रोककर तीन में टीम लगा दी गई है। प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यूनिट नंबर एक की पूरी मशीन की रिपेयरिंग होनी है और कई पार्ट बदले जाने हैं, जिसमें करीब एक वर्ष का समय लग सकता है। इस कारण प्रयास है कि पहले तीन नंबर की यूनिट से उत्पादन प्रारंभ हो जाए।

नहर में फिर जमा हुआ मलबा
सिरमौर की विद्युत उत्पादन इकाई के लिए पानी नहर के माध्यम से पहुंचाया जाता है। यह बड़े आकार की नहर है। जिसमें पानी के साथ मलबा भी व्यापक रूप से आता है। इसकी भी नियमित सफाई कराए जाने का प्रावधान है। कुछ समय पहले सफाई की गई थी लेकिन बताया जा रहा है कि फिर से नहर में मलबा जमा हो गया है। जिसकी वजह से सफाई की जरूरत है। पानी के साथ मिट्टी, बालू और कंकड़ बहकर प्लांट तक पहुंच रहा है। बरसात के दिनों में पानी के साथ अधिक मात्रा में मलबा आता है। —


विद्युत उत्पादन इकाई में आई खराबी का सुधार कार्य चल रहा है। उम्मीद है कि 31 अक्टूबर 2022 तक यह कार्य पूरा हो जाएगा और उत्पादन का कार्य पहले की तरह प्रारंभ होगा।
आरबीएस तिवारी, एडिशनल चीफ इंजीनियर टीएचसी सिरमौर
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