scriptरिश्वत लेने वाले तहसीलदार के रीडर को सात साल का कारावास | Seven years imprisonment for the bribe tahsildar's reader | Patrika News

रिश्वत लेने वाले तहसीलदार के रीडर को सात साल का कारावास

locationरीवाPublished: Aug 25, 2019 01:12:49 am

Submitted by:

Balmukund Dwivedi

हजार मांगी थी घूस, न्यायालय ने लगाया 4 हजार अर्थदंड

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रीवा. रिश्वत लेने वाले तहसीलदार के रीडर को न्यायालय ने सात साल के कारावास और ४ हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन के अनुसार, मो. इबरार निवासी तरहटी रीवा ने स्वर्णकार धर्मशाला के पास स्थिति अपनी दुकान को पत्नी नइमा बेगम के नाम पर हिबा (दान) किया था। जिस पर नइमा ने तहसीलदार हुजूर के यहां नामांतरण का आवेदन लगाया था। जहां तहसीलदार के रीडर विसर्जन साकेत ने नामांतरण कराने के लिए ५ हजार रुपए रिश्वत की मांग की। इस पर नइमा ने १ दिसंबर २०१५ को लोकायुक्त में शिकायत कर दी। लोकायुक्त द्वारा जब पीडि़ता को पुन: रीडर के पास भेजा गया तो उसने रिश्वत की राशि ५ हजार से घटाकर ४ हजार कर दी, लेकिन शिकायतकर्ता ने जब अपनी गरीबी बताई तो ३५ सौ रुपए में बात बनी। २ दिसंबर २०१५ को जैसे ही नइमा हुजूर तहसील कार्यालय में रीडर साकेत को ३५ सौ रुपए दिए तो लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश ने विसर्जन साकेत तनय रामखिलावन साकेत सहायक गेड-२ तहसील हुजूर को भ्रष्टाचार का दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा ७ के तहत ३ वर्ष के सश्रम कारावास एवं २ हजार रुपए अर्थदंड तथा धारा १३ (२) के तहत ४ वर्ष का सश्रम कारावास एवं २ हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।

पैंट में नहीं पाया गया गुलाबी रंग
ट्रैप के दौरान आरोपी ने शिकायतकर्ता से रिश्वत के रुपए लेकर जिस पैंट में रखा था उस पैंट का विचारण के दौरान न्यायालय के समक्ष रखने पर जेब में गुलाबी रंग नहीं पाया गया। आरोपी ने इस बचाव के रूप में प्रस्तुत किया। जिस पर पर न्यायालय ने पैंट में गुलाबी रंग न पाए जाने को मात्र रसायनिक क्रिया का स्वभाविक परिणाम बताया और दलील खारिज कर दी।
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