दो साल में जर्जर हुई रिंग रोड
रतहरा से सिलपरा तक बनी रिंग रोड दो साल में ही जर्जर हो गई है। इस रिंग रोड का डामरीकरण एमपीआरडीसी ने नए सिरे से कराने का आदेश दिया था लेकिन मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। रोजाना टोल टैक्स देने के बाद भी खस्ताहाल सड़क पर वाहन धक्के खा रहे हंै।
रतहरा से सिलपरा तक बनी रिंग रोड दो साल में ही जर्जर हो गई है। इस रिंग रोड का डामरीकरण एमपीआरडीसी ने नए सिरे से कराने का आदेश दिया था लेकिन मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। रोजाना टोल टैक्स देने के बाद भी खस्ताहाल सड़क पर वाहन धक्के खा रहे हंै।
यह होगा फायदा
छत्तीसगढ़ से आने वाले वाहन सिलपरा से चोरहटा बापयास से होकर सतना, एवं ग्वालियर और जबलपुर से आने वाले इस मार्ग से सीधे गुजर जाएंगे। अभी सभी वाहन दो बायपास से लगभग ३० किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हंै।
छत्तीसगढ़ से आने वाले वाहन सिलपरा से चोरहटा बापयास से होकर सतना, एवं ग्वालियर और जबलपुर से आने वाले इस मार्ग से सीधे गुजर जाएंगे। अभी सभी वाहन दो बायपास से लगभग ३० किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हंै।
पूरा हो जाएगा सर्किल
सिलपरा से चोरहटा तक फोरलेन बायपास बनाने के साथ ही शहर के चारों ओर रिंग रोड का सर्किल का पूरा हो जाएगा। जिसके बाद भारी वाहनों को शहर में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे यातायात सुगम हो जाएगा। वहीं सड़क दुघटनाओं का ग्राफ भी घटेगा। मुख्यालय स्तर से इसका डीपीआर तैयार किया गया है।
सिलपरा से चोरहटा तक फोरलेन बायपास बनाने के साथ ही शहर के चारों ओर रिंग रोड का सर्किल का पूरा हो जाएगा। जिसके बाद भारी वाहनों को शहर में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे यातायात सुगम हो जाएगा। वहीं सड़क दुघटनाओं का ग्राफ भी घटेगा। मुख्यालय स्तर से इसका डीपीआर तैयार किया गया है।
अभी मंजूरी नहीं मिल पाई है सिलपरा से चोरहटा फोरलेन रिंग रोड का डीपीआर मुख्यालय स्तर से बना था। चोरहटा हवाई पट्टी में उन्नयन का ले-आउट नहीं बनने से अभी मंजूरी नहीं मिल पाई है।
राजेन्द्र सिंह चंदेल, क्षेत्रीय महाप्रबंधक एमपीआरडीसी
राजेन्द्र सिंह चंदेल, क्षेत्रीय महाप्रबंधक एमपीआरडीसी