रीवा में वर्तमान में करीब 19 हजार की संख्या में छात्राएं विश्वविद्यालय और कालेजों में अध्ययनरत हैं। वहीं छात्रों की संख्या करीब 15 हजार है। इस तरह से यहां छात्रों से अधिक छात्राएं हैं। अतिरिक्त संचालक डा. पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि शासन द्वारा कन्या महाविद्यालय एवं छात्राओं की शिक्षा से जुड़ी जो जानकारी मांगी गई थी, उसे बिन्दुवार भेजा गया है।
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छह दशक पहले कन्या महाविद्यालय की हुई थी स्थापना
रीवा में छात्राओं को अलग शिक्षा देने के लिए 4 अगस्त 1961 को कन्या महाविद्यालय की स्थापना की गई थी। पहले साल 26 छात्राओं को प्रवेश दिया गया था। धीरे-धीरे इसका विस्तार होता गया और अब 6862 छात्राएं पढ़ रही हैं। यहां प्रवेश के लिए हर साल बड़ी संख्या में छात्राएं आती हैं। जिसमें दो से तीन हजार को प्रवेश नहीं मिल पाता और उन्हें दूसरे संस्थाओं की ओर जाना पड़ता है। यहां पर केवल रीवा जिले की नहीं बल्कि विंध्य क्षेत्र के कई जिलों से छात्राएं पढऩे के लिए आती हैं। विश्वविद्यालय की स्थापना से बेहतर शिक्षा यहां की छात्राओं को मिल सकेगी।
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छह दशक पहले कन्या महाविद्यालय की हुई थी स्थापना
रीवा में छात्राओं को अलग शिक्षा देने के लिए 4 अगस्त 1961 को कन्या महाविद्यालय की स्थापना की गई थी। पहले साल 26 छात्राओं को प्रवेश दिया गया था। धीरे-धीरे इसका विस्तार होता गया और अब 6862 छात्राएं पढ़ रही हैं। यहां प्रवेश के लिए हर साल बड़ी संख्या में छात्राएं आती हैं। जिसमें दो से तीन हजार को प्रवेश नहीं मिल पाता और उन्हें दूसरे संस्थाओं की ओर जाना पड़ता है। यहां पर केवल रीवा जिले की नहीं बल्कि विंध्य क्षेत्र के कई जिलों से छात्राएं पढऩे के लिए आती हैं। विश्वविद्यालय की स्थापना से बेहतर शिक्षा यहां की छात्राओं को मिल सकेगी।