इससे मिलते हैं आठ ऐश्वर्य
मानव के जीवन में आठ ऐश्वर्य बताये गए हैं, जिन्हे प्राप्त कर कोई भी व्यक्ति देव श्रेणी में पहुंच सकता है। समस्त जड़ी बूटियों में सोम जिसेे एक तरह से संजीवनी बूटी के रूप में जानते है। इस इकलौती बूटी में आठों प्रकार के ऐश्वर्य प्राप्त किए जा सकते हैं। अगर कोई भी जहरीला जानवर काट ले तो इस जड़ी का एक तोला चूर्ण शहद में मिलाकर लेने से कैसा भी जहर उतर जाता है। दूसरा प्रयोग बताते हुए कहा कि इस जड़ी का एक तोला चूर्ण शहद के साथ मिलाकर नित्य 30 दिनों तक सेवन करे तो किसी भी व्यक्ति का कायाकल्प हो जाता है। मांस पेशीय सुदृढ़ होकर शरीर की पुरानी चमड़ी उतर जाती है और उसके स्थान पर नई चमड़ी निकल आती है।
मानव के जीवन में आठ ऐश्वर्य बताये गए हैं, जिन्हे प्राप्त कर कोई भी व्यक्ति देव श्रेणी में पहुंच सकता है। समस्त जड़ी बूटियों में सोम जिसेे एक तरह से संजीवनी बूटी के रूप में जानते है। इस इकलौती बूटी में आठों प्रकार के ऐश्वर्य प्राप्त किए जा सकते हैं। अगर कोई भी जहरीला जानवर काट ले तो इस जड़ी का एक तोला चूर्ण शहद में मिलाकर लेने से कैसा भी जहर उतर जाता है। दूसरा प्रयोग बताते हुए कहा कि इस जड़ी का एक तोला चूर्ण शहद के साथ मिलाकर नित्य 30 दिनों तक सेवन करे तो किसी भी व्यक्ति का कायाकल्प हो जाता है। मांस पेशीय सुदृढ़ होकर शरीर की पुरानी चमड़ी उतर जाती है और उसके स्थान पर नई चमड़ी निकल आती है।
बढ़ जाती है नेत्र ज्योति भी
जीवन की उच्चता प्राप्त करे सफलता का राज श्रद्धा, धैर्य और विश्वास कमजोर नेत्र ज्योति भी बढ़ जाती है और तो और कम सुनाई देने की समस्या ख़त्म होकर कानों से पूरा सुनाई देने लगता है और व्यक्ति हर प्रकार से नवीनता को प्राप्त कर लेता है। नागार्जुन के शिष्य समश्रुवा ने तो अपना पूरा जीवन ही इस संजीवनी के नए नए प्रयोगों में खपा दिया। जीवन के अंत समय में उसने कहा “आकाश के तारों को गिना जा सकता है मगर इस जड़ी के प्रभाव और महत्व को नहीं गिना जा सकता।” उसने बताया “इस प्रयोग के माध्यम से जमीन से ऊपर हवा में उठा जा सकता है। व्यक्ति वायु वेग से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकता है।” उसने आगे कहा कि “मुझे कुछ और समय मिलता तो मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि इसके प्रभाव से व्यक्ति अजर अमर हो सकता है क्योकि मृत्यु इससे नियंत्रण में रहती है ।” अत: आयुर्वेद के लिए यह औषधि वरदान से कम नहीं है।
जीवन की उच्चता प्राप्त करे सफलता का राज श्रद्धा, धैर्य और विश्वास कमजोर नेत्र ज्योति भी बढ़ जाती है और तो और कम सुनाई देने की समस्या ख़त्म होकर कानों से पूरा सुनाई देने लगता है और व्यक्ति हर प्रकार से नवीनता को प्राप्त कर लेता है। नागार्जुन के शिष्य समश्रुवा ने तो अपना पूरा जीवन ही इस संजीवनी के नए नए प्रयोगों में खपा दिया। जीवन के अंत समय में उसने कहा “आकाश के तारों को गिना जा सकता है मगर इस जड़ी के प्रभाव और महत्व को नहीं गिना जा सकता।” उसने बताया “इस प्रयोग के माध्यम से जमीन से ऊपर हवा में उठा जा सकता है। व्यक्ति वायु वेग से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकता है।” उसने आगे कहा कि “मुझे कुछ और समय मिलता तो मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि इसके प्रभाव से व्यक्ति अजर अमर हो सकता है क्योकि मृत्यु इससे नियंत्रण में रहती है ।” अत: आयुर्वेद के लिए यह औषधि वरदान से कम नहीं है।
रीवा ट्यूरिज्म के सर्वेश सोनी ने बताया कि रीवा के क्योटी, चचाई की घाटियों में पायी जाती है विश्व की दुर्लभतम औषधि सोमबल्ली, पावन घिनौची धाम “पियावन” में भी है मिलने की संभावना” कहा जाता है कि यह दुर्लभतम औषधि आज भी रीवा के क्योटी एवं चचाई जलप्रपात की घाटियों में एवं कुण्ड के आस पास बहुतायत मात्रा में पाई जाती है । तीन वर्ष पहले जैव विविधता बोर्ड, मध्यप्रदेश शासन ने क्योटी को जैव विविधता संरक्षित क्षेत्र घोषित करने वन मंडल रीवा से प्रस्ताव मांगा था।
बिना अनुमति संग्रह पर दंड
रीवा के क्योटी में सोमबल्ली, मोरशिखा एवं पत्थरचटा जैसी दुर्लभतम औषधियाँ भी प्रचुर मात्रा में पायी जाती हैं। मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड, भोपाल ने उपरोक्त औषधियों के बिना अनुमति व्यापारिक उपयोग संग्रहण पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही संग्रहण करते पाये जाने पर दंडात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान है।
रीवा के क्योटी में सोमबल्ली, मोरशिखा एवं पत्थरचटा जैसी दुर्लभतम औषधियाँ भी प्रचुर मात्रा में पायी जाती हैं। मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड, भोपाल ने उपरोक्त औषधियों के बिना अनुमति व्यापारिक उपयोग संग्रहण पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही संग्रहण करते पाये जाने पर दंडात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान है।