रीवा। राज्यसभा सांसदों के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मध्यप्रदेश से कांग्रेस से इकलौते नियुक्त हुए सांसद राजमणि पटेल गृह नगर रीवा पहुंचे। सांसद चुने जाने के बाद पहली बार शहर में प्रवेश करते हुए कार्यकर्ताओं ने उत्साह के साथ उनका स्वागत किया। मैहर से सड़क मार्ग से जिले की सीमा बेला पहुंचे पटेल की कार्यकर्ताओं ने अगवानी की। उन्हें फूल-मालाओं से कार्यकर्ताओं ने लाद दिया।
इस बार मध्यप्रदेश में पांच राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हुआ, जिसमें चार भाजपा और एक कांग्रेस के खाते में गई है। विंध्य के लिए इस बार बड़ी राजनीतिक उपलब्धि यह रही कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ने एक-एक सांसद भेजे हैं। भाजपा से चुरहट(सीधी) के अजय प्रताप सिंह और कांग्रेस ने रीवा से राजमणि पटेल के नाम की घोषणा की थी। सभी सांसद निर्विरोध चुने गए हैं। राजमणि पटेल कांग्रेस के पुराने नेता हैं।
1972 में पहली बार विधानसभा क्षेत्र सिरमौर से चुनाव जीतकर राजनीतिक शुरुआत की थी, तब से अब तक लगातार वह सक्रिय रहे हंै। बीते कुछ समय से चुनाव नहीं जीतने के साथ राजनीतिक रूप से वह हाशिए पर चल रहे थे लेकिन सक्रियता बरकरार रखी। जातिगत वोटों को साधने में लगी कांग्रेस के लिए यह एक अवसर था कि वह ऐसे वोट बैंक पर नजर दौड़ाए जिससे चुनाव में फायदा मिल सके।
इस बार मध्यप्रदेश में पांच राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हुआ, जिसमें चार भाजपा और एक कांग्रेस के खाते में गई है। विंध्य के लिए इस बार बड़ी राजनीतिक उपलब्धि यह रही कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ने एक-एक सांसद भेजे हैं। भाजपा से चुरहट(सीधी) के अजय प्रताप सिंह और कांग्रेस ने रीवा से राजमणि पटेल के नाम की घोषणा की थी। सभी सांसद निर्विरोध चुने गए हैं। राजमणि पटेल कांग्रेस के पुराने नेता हैं।
1972 में पहली बार विधानसभा क्षेत्र सिरमौर से चुनाव जीतकर राजनीतिक शुरुआत की थी, तब से अब तक लगातार वह सक्रिय रहे हंै। बीते कुछ समय से चुनाव नहीं जीतने के साथ राजनीतिक रूप से वह हाशिए पर चल रहे थे लेकिन सक्रियता बरकरार रखी। जातिगत वोटों को साधने में लगी कांग्रेस के लिए यह एक अवसर था कि वह ऐसे वोट बैंक पर नजर दौड़ाए जिससे चुनाव में फायदा मिल सके।
राजमणि पटेल पुराने नेता हैं साथ ही पिछड़ा वर्ग के हितों के लिए वह कई सामाजिक आंदोलन भी चला चुके हैं। इस कारण पार्टी के भीतर और बाहर दोनों जगह ओबीसी वर्ग पर उनकी पकड़ मानी जाती है। उन्हें राज्यसभा भेजकर कांग्रेस ने यह भी संदेश देने का प्रयास किया है कि विंध्य क्षेत्र उसके लिए अब भी महत्वपूर्ण है। इसी क्षेत्र से नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भी आते हैं। ओबीसी में पटेलों का वोट कांग्रेस से छिटककर भाजपा और बसपा की ओर चला गया है। इसी के चलते राजमणि को राज्यसभा सांसद बनाकर इस बड़ी संख्या वाले वोटबैंक को लुभाने का प्रयास किया है। राजमणि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के करीबी नेताओं में से एक रहे हैं। इस लिहाज से नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भी उनके साथ हर समय साथ खड़े दिखाई देते हैं।
बेला से निकली रैली
सुबह रेवांचल एक्सप्रेस से मैहर पहुंचे पटेल ने माता शारदा के मंदिर पहुंचकर दर्शन किए और वहां के स्थानीय कार्यकर्ताओं से मिले। इसके बाद वह रीवा के लिए सड़क मार्ग से रवाना हुए। रीवा जिले की सीमा पर जैसे ही वह बेला के पास पहुंचे। पहले से मौजूद कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। वाहनों के बड़े काफिले के साथ उनकी रैली बेला से रवाना हुई, जिसका शहर में जगह-जगह स्वागत किया गया। चोरहटा, पडऱा, ढेकहा, जयस्तंभ चौक, रेवांचल बस स्टैंड, कालेज चौक, शिल्पी प्लाजा आदि स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
सुबह रेवांचल एक्सप्रेस से मैहर पहुंचे पटेल ने माता शारदा के मंदिर पहुंचकर दर्शन किए और वहां के स्थानीय कार्यकर्ताओं से मिले। इसके बाद वह रीवा के लिए सड़क मार्ग से रवाना हुए। रीवा जिले की सीमा पर जैसे ही वह बेला के पास पहुंचे। पहले से मौजूद कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। वाहनों के बड़े काफिले के साथ उनकी रैली बेला से रवाना हुई, जिसका शहर में जगह-जगह स्वागत किया गया। चोरहटा, पडऱा, ढेकहा, जयस्तंभ चौक, रेवांचल बस स्टैंड, कालेज चौक, शिल्पी प्लाजा आदि स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
पद्मधर पार्क में हुआ सम्मान समारोह
राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल जैसे ही काफिले के साथ पद्मधर पार्क पहुंचे, यहां पर भी जमकर स्वागत किया गया। कार्यकर्ताओं की ओर से उनका स्वागत समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह पिछड़ों, गरीबों और शोषितों की आवाज पहले भी उठाते रहे हैं। अब पार्टी ने राज्यसभा का सदस्य बनाया है, वहां पर भी यह आवाज बुलंदी के साथ उठाई जाएगी।
राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल जैसे ही काफिले के साथ पद्मधर पार्क पहुंचे, यहां पर भी जमकर स्वागत किया गया। कार्यकर्ताओं की ओर से उनका स्वागत समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह पिछड़ों, गरीबों और शोषितों की आवाज पहले भी उठाते रहे हैं। अब पार्टी ने राज्यसभा का सदस्य बनाया है, वहां पर भी यह आवाज बुलंदी के साथ उठाई जाएगी।
30 साल बाद रीवा के नेता को राज्यसभा का अवसर
राज्यसभा सांसद के तौर पर रीवा से 30 वर्ष बाद किसी नेता का चयन किया गया है। केशव प्रसाद शुक्ला इसके पहले 1988 तक प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। कांग्रेस नेता राजमणि पटेल रीवा से राज्यसभा के लिए जाने वाले पांचवे नेता होंगे। इसके पहले कप्तान अवधेश प्रताप सिंह, जगदीश चंद्र जोशी, गुरुदेव गुप्ता, केशव प्रसाद शुक्ला राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं। सतना से गुलशेर अहमद, सीधी से अर्जुन सिंह और जगन्नाथ सिंह भी राज्यसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
राज्यसभा सांसद के तौर पर रीवा से 30 वर्ष बाद किसी नेता का चयन किया गया है। केशव प्रसाद शुक्ला इसके पहले 1988 तक प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। कांग्रेस नेता राजमणि पटेल रीवा से राज्यसभा के लिए जाने वाले पांचवे नेता होंगे। इसके पहले कप्तान अवधेश प्रताप सिंह, जगदीश चंद्र जोशी, गुरुदेव गुप्ता, केशव प्रसाद शुक्ला राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं। सतना से गुलशेर अहमद, सीधी से अर्जुन सिंह और जगन्नाथ सिंह भी राज्यसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
1972 में पहली बार चुने गए विधायक
राजमणि पटेल ने पहली बार 1972 में सिरमौर से चुनाव लड़ा और समाजवादी नेता यमुना प्रसाद शास्त्री को हराकर सुर्खिंयों में आए। इसके बाद सन 80 और 85 में लगातार विधायक बने। सन 82 में सेतु निर्मांण निगम के अध्यक्ष भी बने, उस दौरान प्रदेश भर में कई बड़ी पुलों का निर्माण स्वीकृत कराया। पहली बार 1985-90 तक राजस्व एवं संसदीय कार्य मंत्री रहे। 98 में भी मंत्री बने। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के साथ ही अन्य कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। वर्तमान में मध्यप्रदेश पिछड़ा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
सामाजिक आंदोलन से भी जुड़े
वर्ष 2003 और 2012 में पूरे प्रदेश का भ्रमण कर ‘जागो जगाओ जोड़ो कर्मवीर जागरण यात्राÓ निकाली। मप्र पिछड़ा वर्ग सामाजिक संगठन के प्रांताध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा लगातार वह सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन चलाते रहे हैं। व्यापमं घोटाले पर भूख हड़ताल भी कर चुके हैं। पिछड़ा वर्ग सामाजिक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
वर्ष 2003 और 2012 में पूरे प्रदेश का भ्रमण कर ‘जागो जगाओ जोड़ो कर्मवीर जागरण यात्राÓ निकाली। मप्र पिछड़ा वर्ग सामाजिक संगठन के प्रांताध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा लगातार वह सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन चलाते रहे हैं। व्यापमं घोटाले पर भूख हड़ताल भी कर चुके हैं। पिछड़ा वर्ग सामाजिक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
– संक्षिप्त परिचय –
नाम- राजमणि पटेल
जन्म- 20 जुलाई 1945
शिक्षा- एमए समाजशास्त्र, एलएलबी
छात्र नेता- टीआरएस कालेज रीवा में 1965 में छात्रसंघ सचिव बने।
अधिवक्ता संघ के कोषाध्यक्ष- 1970 में चुने गए।
विधायक- सिरमौर से 1972, 1980, 1985, 1998
मंत्री- 1985 में राजस्व, विधि एवं संसदीय कायज़्, दोबारा जनशक्ति नियोजन, 1998 में योजना एवं संख्यकी।
संगठन के पद- 1973 में जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष, 1975 में प्रदेश उपाध्यक्ष, 1997 प्रदेश कांग्रेस के कायज़्कारी अध्यक्ष, 1990 से 2008 तक एआईसीसी के सदस्य रहे।
नाम- राजमणि पटेल
जन्म- 20 जुलाई 1945
शिक्षा- एमए समाजशास्त्र, एलएलबी
छात्र नेता- टीआरएस कालेज रीवा में 1965 में छात्रसंघ सचिव बने।
अधिवक्ता संघ के कोषाध्यक्ष- 1970 में चुने गए।
विधायक- सिरमौर से 1972, 1980, 1985, 1998
मंत्री- 1985 में राजस्व, विधि एवं संसदीय कायज़्, दोबारा जनशक्ति नियोजन, 1998 में योजना एवं संख्यकी।
संगठन के पद- 1973 में जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष, 1975 में प्रदेश उपाध्यक्ष, 1997 प्रदेश कांग्रेस के कायज़्कारी अध्यक्ष, 1990 से 2008 तक एआईसीसी के सदस्य रहे।