गांव में सड़क न होने से हर बार की तरह इस बार भी एक मरीज की जान पर बन आई। यहां के लोगों के पास सबकुछ है, लेकिन अस्पताल तक पहुंचने का रास्ता नहीं है। एंबुलेंस को बुलाना भी किसी ने इसलिए ठीक नहीं समझा, क्योंकि आजतक उन्होंने खुद ही कभी अपने गांव में एंबुलेंस आते नहीं देखी। बारिश के दिनों में तो हालात ये हो जाते हैं कि जिस रास्ते से गांव से बाहर जाते हैं, उससे घुटने-घुटने तक कच्ची जमीन में धसते हुए गुजरना पड़ता है।
खासतौर पर बारिश के दिनों में तो गांव के अधिकतर लोग खुद को गांव में मजबूरन कैद कर लेते हैं, ताकि बाहर निकलते में किसी मुसीबत में न फस जाएं। हालांकि, मरीज की हालत देखकर आसपास के लोगों ने खुद की परवाह किए बिना उसे खटिया पर लेटाया और 1 किलोमीटर पैदल चलते हुए बाहर आए, जिसके बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया जा सका। घटना का एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल होने लगा है, जो प्रशासनिक दावों की कलई खोल रहा है।
खाट पर मरीज या सिस्टम? हकीकत बयां करता वीडियो
मामला जिले के अंतर्गत आने वाले सोहागी कस्बे के वार्ड नंबर-1 का है। यहां रहने वाले 45 वर्षीय रामनरेश हरिजन पिता सच्चितानंद हरिजन निवासी सोहागी शुक्रवार सुबह अपने खेत गया था। यहां से वो अपने कुछ परिचितों से मिलने गांव चले गए, जहां अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई। उनको पेट में काफी तेज दर्द उठा, जिसके चलते वो बेसुध हो गए। लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाने की कोशिश तो बहुत की, लेकिन गांव से हाईवे तक पहुंचने के लिए यहां कोई सड़क ही नहीं थी। मिट्टी वाला रास्ता बारिश के दिनों में दलदल बन जाता है। जहां किसी वाहन का आ पाना तो बहुत दूर की बात पैदल चलना तक दूभर हो जाता है। यह भी पढ़ें- अभी-अभी आया भारी बारिश का अलर्ट, इंदौर-छिंदवाड़ा समेत 45 जिलों में धमाकेदार बारिश, स्कूलों की छुट्टी घोषित
प्रशसनिक दावों की खुली पोल
गांव की इस दुर्दशा से जूझ रहे स्थानीय लोगों ने आखिरकार मरीज को खटिया पर लेटाकर बाहर तक ले जाने का फैसला लिया और चारों लोगों ने खुद की परवाह किए बिना मरीज को खटिा पर लेटाकर अपने कांदे पर लेकर घुटनो तक कीचड़ में धसते हुए जोखिम भरे रास्ते से गुजरकर एक किलोमीटर दूर हाईवे पर ले आए, जहां से बाइक पर बीच में फंसाकर उन्हें त्योंथर अस्पताल लाया गया। अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। लेकिन, इस घटनाक्रम ने एक बार फिर प्रशासनिक दावों की पोल खोल दी है। यह भी पढ़ें- MP News : भारी बारिश के बीच रेलवे ट्रैक पर गिरा पहाड़ी का बड़ा हिस्सा, रेल यातायत थमा, देखें Video
मुख्य मार्ग से गांव का टूट जाता है सम्पर्क
स्थानीय निवासी भानु प्रताप का कहना है कि ‘वैसे तो साल भर गांव पहुंचने का मार्ग काफी जोखिम भरा होता है, लेकिन बारिश के दिनों में गांव का संपर्क मुख्य मार्ग से पूरी तरह से टूट जाता है। हर बार किसी न किसी ऐसी ही परिस्थिति में ग्रामीण मजबूरन गांव से बाहर निकलकर कीचड़ से जूझना पड़ता है। बारिश के दिनों में 4 महीने तो यहां किसी नर्क के समान गुजरते हैं। लंबे समय से स्थानीय लोग सड़क निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी सुनवाई नहीं हो सकी है। यह भी पढ़ें- टोल प्लाजा पर गुंडागर्दी : टोल कर्मियों ने कार सवारों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, Video