15 साल पुरानी रूपरेखा के आधार पर शुरुआत होने जा रही है। मुकुंदपुर में व्हाइट टाइगर सफारी और जू बनाते समय ब्रीडिंग सेंटर का प्रस्ताव था। तब पहले सफारी व जू का काम पूरा करने पर जोर दिया। नए सेंटर में नाइट हाउस समेत बाघों के अनुकूल व्यवस्थाएं रहेंगी।
8 हेक्टेयर में बनेगा एक्सक्लूसिव टाइगर ब्रीडिंग सेंटर
गोविंदगढ़ के खंधो पहाड़ पर 8 हेक्टेयर में टाइगर ब्रीडिंग सेंटर बनाने के पीछे वजह भी है। 1951 में महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव ने पहली बार व्हाइट टाइगर शावक पकड़ा था। किले में ही पहली बार मानव देखरेख में बाघ की ब्रीडिंग कराई। गोविंदगढ़ में जन्मे सफेद बाघों को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भेजा।एक्सपर्ट ने बताया पहली बार एक्सक्लूसिव ब्रीडिंग सेंटर
गोविंदगढ़ में सफेद बाघों की ब्रीडिंग कुछ दशक पहले होती रही है। अभी चिडिय़ाघरों या अन्य स्थानों पर भी ब्रीडिंग होती है, लेकिन प्राकृतिक वातावरण में पहली बार एक्सक्लूसिव ब्रीडिंग सेंटर बनाएंगे। -राजेश कुमार राय, मुख्य वन संरक्षक रीवा ये भी पढ़ें: Road Accident: शादी में शामिल होने जा रहे थे तीन दोस्त, रास्ते में ही आ गई मौत