महेश सिंह
कभी समाजवादियों का गढ़ रहे रीवा जिले के सेमरिया, सिरमौर व त्योंथर विधानसभा क्षेत्र में विकास किस करवट ले रहा है, यह जानने बाइक से 80 किमी का सफर किया। शुरुआत सेमरिया क्षेत्र के गुहिया गांव से की। यहां पहली मुलाकात रविशंकर तिवारी से हुई। पत्रिका का नाम सुनते ही उनकी पीड़ा फूट पड़ी। बोले, यहां सड़क-पानी की समस्या विकराल है। पानी की समस्या तो पूरे विधानसभा क्षेत्र में है। सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की, लेकिन अधिकारी दबाव देकर बंद करा देते हैं। किसान लालजी तिवारी बोले, आवारा मवेशी खेती उजाड़ रहे हैं, कोई देखने वाला नहीं है। मेरा अगला पड़ाव बरौं गांव था। यहां उमेश प्रताप सिंह ने बेरोजगारी की पीड़ा बयां की। कहा, गांव के युवा पढ़-लिखकर बेरोजगार घूम रहे हैं, काम नहीं मिलेगा तो वे क्या करेंगे?
सड़क खराब, पानी की कमी
इसके बाद गाड़ी सिरमौर क्षेत्र के खभरिया व तिलखन गांव होते हुए बैकुंठपुर की ओर मुड़ गई। वहां जामूू के बृजबिहारी गौतम बोले, सड़कों की हालत खराब है। न पाली से लालगांव तक सड़क बनी और न ही बैकुंठपुर से क्योंटी पर्यटन क्षेत्र को जोडऩे वाले मार्ग का चौड़ीकरण हुआ। किसान राजेश सिंह ने बताया कि आवारा मवेशी यहां बड़ी समस्या हैं। आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। किसानों के साथ खाद-बीज की समस्या भी है। समय पर खाद-बीज नहीं मिलता, क्या करें परेशान हैं। बैकुंठपुर के मनोज नामदेव ने अस्पताल की अव्यवस्था से अवगत कराया। कहा, चिकित्सक क्लीनिक में मरीज देखते हैं। अस्पताल में मरीज परेशान होते रहते हैं। सिरमौर अस्पताल का भी यही हाल है। उपचार के लिए रीवा-प्रयागराज जाना पड़ता है। वार्ड-7 के विश्वनाथ सेन कहते हैं, विकास के नाम पर बोर्ड तो लगते जा रहे हैं, लेकिन वार्ड में मीठे पानी तक की सप्लाई नहीं है। सिरमौर के तराई क्षेत्र अतरैला, डभौरा व जवा के पहाड़ी इलाकों में लोग मीलों दूर से पानी ढो रहे हैं। नलजल योजना शुरू नहीं हुई और हैण्डपंप राइजिंग पाइप के बिना बंद पड़े हैं। न तो सरपंच सुन रहे न पीएचई विभाग के अफसर।
गांवों में जिल्लत की जिंदगी की विवशता
बैकुंठपुर से लालगांव के रास्ते त्योंथर विधानसभा क्षेत्र के कलबारी गांव पहुंचा। यहां पुष्पराज जायसवाल मिल गए। कहा-गांव में हम लोग जिल्लत की जिंदगी जी रहे हैं। सरकार की कोई योजना नहीं पहुंची। घाट के ऊपर की 10 पंचायतों में पानी का घोर संकट है। कटरा के अनिल जायसवाल कहते हैं, यहां टंकी बन रही थी, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ। राजेश सोनी, रामप्रताप केशरवानी, अशोक गुप्ता ने भी पेयजल, शिक्षा व स्वास्थ्य की समस्याएं गिनाईं। दुअरा निवासी वंशरूप सिंह ने कहा-त्योंथर में 100 बिस्तर का अस्पताल बन जाए तो बहुत बड़ी बात होगी।
घूमा कटरा में लगे उद्योग तो मिले रोजगार
इससे आगे चलकर घूमा कटरा पहुंचा, तो वहां शिवरतन नामदेव ने कहा, शासन ने हमारे गांव को औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया है, लेकिन जरूरी सुविधाएं विकसित नहीं कीं। यहां उद्योग लगें तो क्षेत्र का विकास हो और युवाओं को रोजगार के अवसर बढ़े। त्योंथर जल बहाव योजना का काम पूरा कर दिया जाए तो पश्चिमांचल के किसान सिंचाई कर खेती को लाभ का धंधा बना पाएंगे और माली हालत में भी सुधार होगा।
500 एकड़ जमीन पड़ती
कृषक जीतेन्द्र तिवारी कहते हैं कि त्योंथर ही नहीं पूरे जिले में आवारा मवेशी गंभीर समस्या हैं। हजारों रुपए खर्च कर सब्जी की खेती करते हैं, लेकिन रातभर रखवाली करने के बावजूद कुछ हाथ नहीं लगता। अकेले तराई अंचल में 500 एकड़ जमीन मवेशियों के डर से बेकार पड़ी है। लोग खेती से मुंह मोड़ रहे हैं। गोशालाएं आधी-अधूरी रह गई हैं। जहां बनी भी हैं, वहां भी चारा-भूसा का इंतजाम नहीं है।
यह भी पढ़ें
mp election 2023: सेव, सोने और साड़ी के शहर में उद्योग विकसित नहीं होने का दर्द आज भी है
mp election 2023 बस्ती को नहीं मिला अमृत, बाड़े में कारोबार के रास्ते बाधित
mp election 2023: लोगों का दर्द, किला रोड को चमकाने के लिए हमारे घर तोड़ दिए
mp election 2023 – सड़कों से चलकर महंगाई आ रही है, नौकरी और बिजली नहीं
सबलगढ़-जौरा विधानसभा क्षेत्र: आदिवासी आज भी बेहाल, पीने का पानी सबसे बड़ा मुद्दा
mp election 2023: दो साल पहले हाईवे बनाया, पुल ही बनाना भूल गए
mp election 2023: खंभे और तार तो मिल गए, बिजली का अब भी है इंतजार
mp election 2023: ऐसा क्षेत्र जहां रोजगार का संकट, हर दिन पलायन की स्थिति
mp election 2023: भाऊ की एक ही मांग…। पांढुर्ना जिला बने तो समस्याओं का हो निदान
mp election 2023: गरोठ के अब तक जिला न बनने की टीस
mp election 2023: किसानों ने रोया दुखड़ा- पहले जहां थे, आज भी वहीं हैं
mp election 2023: लाड़ली बहनें प्रसन्न, किसानों को खुश होने का इंतजार
mp election 2023: विकास कितना भी करा लो, पर रोजगार बिन सब बेकार है
mp election 2023: ‘लाड़ली तो घणी हाउ है, पर परेशानी भी घणी है’
mp election 2023: बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गहरी टीस, बेरोजगारी पर भी कड़वे बोल