कॉन्क्लेव का मुख्य फोकस खनन, ऊर्जा, कृषि, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन और हस्तशिल्प में निवेश पर रहेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 20 उद्योगपतियों से वन-टू-वन संवाद करेंगे। सेक्टरवार सत्रों में भी शामिल होंगे। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, एमएसएमई, आइटी, खनन, ऊर्जा और पर्यटन विभाग यहां की खूबी बताएंगे।
नवकरणीय ऊर्जा पर सत्र
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा पर राउंडटेबल-सत्र होगा। रीवा आइटी पार्क और चुरहटा औद्योगिक क्षेत्र में विद्युत उपकेंद्र का वर्चुअल भूमिपूजन होगा।पर्याप्त संसाधन
विंध्य में संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता है। यहां न पानी की कमी है न जमीन की। श्रम संसाधन भी बहुतायत में उपलध हैं। यह किसी भी इलाके के औद्योगिक विकास के लिए एक बेहतर स्थितियां है। तस्वीर सीधी और सिंगरौली जिले की सीमा बनाने वाली गोपद नदी की है। नदी किनारे निगरी का जेपी पावर प्लांट भी दिखाई दे रहा है।ऐसी तैयारी
4000 से अधिक रजिस्ट्रेशन 50 से ज्यादा प्रमुख निवेशक 3000 एमएसएमई प्रतिभागी शामिल 06 विभाग देंगे प्रजेंटेशन 20 उद्योगपतियों से वन टू वन बैठक 16 प्रदर्शनी ट्रेड एसोसिएशन की। 80 निवेशकों को भूमि आवंटन पत्र वितरण 2000 करोड़ के 20 कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण
रिलायंस, पतंजलि, अल्ट्राटेक आदि कंपनियां होंगी शामिल
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया, विंध्य में उद्योगों के लिए 9 हजार का लैंड बैंक बनाया है। आइटी, पर्यटन, माइनिंग, कुटीर उद्योग, कृषि क्षेत्र में निवेश पर विशेष फोकस है। कॉन्क्लेव में आचार्य बालकृष्ण पतंजलि, पुनीत डालमिया (डालमिया भारत ), मनीष गुप्ता इंसोलेशन ग्रीन एनर्जी, गिरीश जैन केजेएस सीमेंट, के राजगोपाल रिलायंस पावर, बी. साईंराम एनसीएल, एमके सिंह (जयप्रकाश समूह), पवन अहलूवालिया केजेएस सीमेंट शामिल होंगे।फूड और माइनिंग में निवेश की बड़ी संभावनाएं
विंध्य में धान-गेहूं, करेला, टमाटर समेत खाद्य उत्पादों के उत्पादन बढ़ा है। फूड प्रोसेसिंग में बड़ी संभावनाएं हैं। साथ ही रत्न गर्भा की पहचान भी विंध्य की है। यहां पर लाइम स्टोन, बासाइड, सिल्कासैंड प्रचुर मात्रा में है। कई स्थानों पर हीरा और सोना मिलने की संभावना जताई गई है। रीवा कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य विंध्य क्षेत्र को निवेश और औद्योगिक अवसरों के केंद्र के रूप में स्थापित करना है। वर्ष 2025 को ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष’ घोषित किया है। प्रदेश में हुई आरआइसी इसका महत्वपूर्ण पड़ाव हैं।
-डॉ. मोहन यादव, सीएम