बता दें कि, रीवा के लक्ष्मण बाग संस्थान को तपोस्थली के रूप में पहचाना जाता है। यहां चारों धाम के देवताओं का वास भी माना जाता है। रीवा के तत्कालीन महाराजा रघुराज सिंह जूदेव ने लक्ष्मण बाग संस्थान में चारों धाम के देवी देवताओं को विराजकर इस मंदिर का कायाकल्प कराया था, जिसके बाद से अब जब भीशहरवासियों को साधना करनी होती है, वे यहीं आकर तपस्या करते हैं। कहीं न कहीं से आया हुआ कोई न कोई शख्स यहां आकर साधना करता ही रहता है। इस हिसाब से देखें तो यहां हर समय साधना होती रहती है।
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कड़ी धूंप के बीच चारों ओर जलती आग के बीच बैठकर कर रहे हैं तप
ऐसी ही एक कठोर साधना वकील दीपक तिवारी भी कर रहे हैं। वो लक्ष्मण बाग संस्थान के बाहर पड़ी खाली जमीन में बैठे हुए हैं। विश्व कल्याण के लिए जिस स्थान पर वो तपस्या कर रहे हैं, वहां कड़ी धूप के बीच चारों तरफ से आग भी जल रही है। वो खुद लकड़ियों के बीच बैठकर तप कर रहे हैं। वकील दीपक तिवारी ने बताया कि, वे धुनी रमाकर ईश्वर से संवाद करते हैं। तिवारी ने ये साधना 25 मई से शुरू की है, जो 2 जून को पूर्ण होने वाली है। वो रोजाना दोपहर 12 से 3 बजे के बीच वाली धूप में साधना करते हैं।
कौन हैं वकील दीपक तिवारी ?
आपको बता दें कि, पैशे से वकील दीपक तिवारी रीवा शहर के पांडेयन टोला में रहते हैं। यहां से उनके छोटे भाई निवर्तमान पार्षद भी हैं। जबसे उन्होंने अपनी इस साधना को शुरू किया है तब से उनसे मिलने और प्रार्थना का कहने आने वालों की भारी भीड़ लग रही है।
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