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मध्यप्रदेश में सीबीएस के तहत अब दूसरे विश्वविद्यालयों का पाठ्यक्रम पढ़ सकेंगे छात्र, रीवा के एपीएसयू ने की शुरुआत

- च्वाइस बेस्ड सिस्टम लागू करेगा अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, दूसरे विश्वविद्यालयों से होगा एमओयू- आनलाइन कक्षाओं का होगा संचालन, परीक्षा भी अलग से कराएंगे विश्वविद्यालय

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रीवा

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Mrigendra Singh

Jan 05, 2020

rewa

जिला न्यायालय में हत्या के आरोपियों को भागने की सुरक्षा को लेकर मेटल डिटेक्टर लगाए गए किसी भी व्यक्ति को बिना चेकिंग के अंदर नहीं जाने की परमिशन,जिला न्यायालय में हत्या के आरोपियों को भागने की सुरक्षा को लेकर मेटल डिटेक्टर लगाए गए किसी भी व्यक्ति को बिना चेकिंग के अंदर नहीं जाने की परमिशन,cbs system aps university rewa, mp higher education



रीवा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों द्वारा एक नया प्रयोग किया जा रहा है। जिसके तहत च्वाइस बेस्ड सिस्टम लागू किया जाएगा। इसमें छात्र विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अतिरिक्त भी शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। दूसरे विश्वविद्यालयों द्वारा चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों के बारे में भी जानकारी छात्रों को दी जाएगी।

प्रदेश के प्रमुख विश्वविद्यालयों का आपस में एमओयू होगा, वह अपना पाठ्यक्रम दूसरे विश्वविद्यालय के छात्रों को पढ़ाएंगे। साथ ही इसकी परीक्षा भी आयोजित करने की जिम्मेदारी उस विश्वविद्यालय की होगी जो अपना कोर्स पढ़ाएंगे। हाल ही में राज्यपाल द्वारा कुलपतियों की बैठक में इसके लिए निर्देश दिया गया था। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा ने इस पर सबसे पहले काम शुरू कर दिया है।

विश्वविद्यालय पहले स्वयं की तैयारी करेगा और दूसरे विश्वविद्यालयों से संपर्क कर उनसे एमओयू साइन करेगा, ताकि छात्र अपनी पसंद के दूसरे कोर्स भी पढ़ सकें। रीवा में कुलपति ने प्रोफसर्स और अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रारंभिक रूपरेखा तैयार करने का निर्देश भी दिया है। बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब एक विश्वविद्यालय में पढऩे वाला छात्र दूसरे विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों को भी पढ़ सकेगा। अभी तक दूसरे प्रदेशों में कुछ जगह ऐसी व्यवस्थाएं चल रही हैं जिसमें छात्र अपने ही विश्वविद्यालय के कोर्स को च्वाइस बेस्ट सिस्टम के तहत पढ़ते रहे हैं लेकिन अब दूसरे विश्वविद्यालयों का पाठ्यक्रम भी पढ़ सकेंगे।


- आनलाइन कक्षाएं संचालित करेंगे विश्वविद्यालय
च्वाइस बेस्ड सिस्टम के तहत विश्वविद्यालयों का आपस में अनुबंध होगा कि वह दूसरे विश्वविद्यालयों के छात्रों की आनलाइन कक्षाएं आयोजित कर उनकी पसंद वाले कोर्स की पढ़ाई कराएंगे। इसके तहत दूसरे शहर गए बिना ही छात्र वहां चल रहे कोर्स की पढ़ाई कर सकेंगे। इससे छात्रों का समय बचेगा और एक साथ वह अलग-अलग पाठ्यक्रमों की पढ़ाई भी कर सकेंगे।
- प्रारूप तैयार करने होंगी कार्यशालाएं
उच्च शिक्षा में होने जा रहे इस बड़े बदलाव पर अभी कई आशंकाएं भी हैं। जिनके समाधान के लिए विश्वविद्यालय कार्यशालाएं आयोजित करेगा। छात्रों एवं शिक्षकों के सुझाव लिए जाएंगे साथ ही इस नवाचार को लेकर मन में जो आशंकाएं हैं कि इसका संचालन किस तरह से होगा। छात्रों की कक्षाएं और परीक्षाएं कैसे आयोजित की जाएंगी, इन सब पर विस्तार से चर्चाएं होंगी।
- अध्यात्म और तकनीकी की जानकारी ले सकेंगे साथ
छात्रों को वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षा देने के लिए सीबीएस प्रणाली को अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय द्वारा अपनाया जा रहा है। इसमें छात्रों के पास यह विकल्प रहेगा कि वह यदि रीवा में अध्यात्म की डिग्री ले रहा है तो उसके साथ इंदौर, भोपाल सहित अन्य शहरों में संचालित तकनीकी सहित पाठ्यक्रमों की जानकारी भी प्राप्त कर सकेगा। यह जानकारी केवल उसके ज्ञान के लिए नहीं होगी, बल्कि विश्वविद्यालय अंकसूची में अतिरिक्त विषय या पाठ्यक्रम के भी अंक जोड़कर प्रमाणित करेगा।
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हम एक विश्वविद्यालय में हर तरह के कोर्स नहीं चला सकते, उसके लिए संसाधनों की जरूरत होती है। इसलिए छात्रों की पसंद के अनुसार शिक्षा देने के लिए दूसरे विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू साइन करेंगे। अभी इस योजना का प्रारूप तैयार कर रहे हैं। प्रयास है कि अगले सत्र में इसे प्रारंभ किया जा सके।
प्रो. पीयूषरंजन अग्रवाल, कुलपति एपीएसयू रीवा