– दिग्विजय समेत कांग्रेस नेताओं कार्रवाई पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी की पोस्ट को रिट्वीट करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस संकटकाल में गरीबों का घर गिराने का अभियान? शिवराज जी आपके प्रशासन को क्या हो गया है? माफी मांगकर शासकीय खर्च पर फिर बसाइए। वहीं सांसद विवेक तन्खा ने लिखा कि सौंदर्यीकरण के नाम पर कोरोना काल में श्रमिकों पर चला आफत का बुल्डोजर। यह अमानवीय तस्वीर है। वहीं रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेशकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की आदत है। झुग्गीवासियों की सहमति से पक्के मकानों में भेजा जा रहा है।
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लोगों ने ऐसे व्यक्त की पीड़ा
– प्रशासन ने ही कब्जा दिलाया था
ठेकेदार के लोग आए थे हटाने के लिए फिर भाजपा नेता आए थे और कहा कि रानीतालाब वालों का नहीं गिराएंगे। अब अचानक आकर मकान गिरा दिया, सामान फेक दिया। प्रशासन ने ही यहां पर कब्जा दिलाया था, हम किससे बात कहें कोई सुनने वाला नहीं है। हमारी जिंदगी तो तमाशा बनाकर रख दिया।
संजूदेवी, विस्थापित
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एक तरफ कहते हैं कि घर से कोई नहीं निकले, अब मौका पाकर घर ही तोड़ दिया। अब हम कहां जाएं, क्या हम गरीबों की कोई जिंदगी नहीं है। इस समय बेघर किया है कि हम कहीं जा नहीं सकते। पहले भी कहा था कि कोई स्थान बताएं हम वहीं चले जाएंगे।
निर्मला बंसल, विस्थापित
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तालाब की मेढ़ पर हम सब को कब्जा देकर बसाया गया था। विधायक के प्रतिनिधि आए अवैध कब्जा वाले कुछ लोगों पांच-पांच हजार रुपए दिया। कहा केवल वही लोग हटाए जाएंगे। अब मकान गिरा दिया। कुछ लोगों को ऐसा मकान दिया जा रहा है, जहां ऊपर और नीचे हर तरफ से पानी है। आवास योजना के मकान हमें दिए जाएं।
दिनेश बंसल, विस्थापित
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सीधी बात- अर्पित वर्मा, आयुक्त नगर निगम
सवाल- रतहरा तालाब में कितने मकान गिराए गए और क्या कारण था?
जवाब- इसमें 68लोग चिन्हित हैं, जिसमें 14 के मकान गांवों में भी बने हैं। २० को मकान आवंटन की प्रक्रिया चल रही है, कुछ लोगों को दूसरी जगह पट्टा भी दिया है। तालाब सौंदर्यीकरण होना है इसलिए हटाना जरूरी था।
सवाल- हटाए गए लोगों का विस्थापन कहां हुआ ?
जवाब- जिन लोगों की व्यवस्था पहले से है, वे अपने यहां जाएंगे। शेष जो बचे हैं उन्हें आइएचएसडीपी के मकानों की पार्किंग में रखा गया है। उन्हें भोजन की भी व्यवस्था दी है।
सवाल- मकान देने में कितने दिन लग जाएंगे ?
जवाब- प्रक्रिया तो प्रारंभ कर दी है, लेकिन ऋण स्वीकृत करना एवं अन्य औपचारिकताएं जैसे ही पूरी होंगी मकान मिल जाएंगे।
सवाल- ऐसी क्या जल्दवाजी थी कि लॉकडाउन में मकान तोड़े गए ?
जवाब- सौंदर्यीकरण होना है, आगे चलकर बरसात भी आ जाएगी, इसलिए कार्य में विलंब होगा। इसी के चलते कार्रवाई हुई है।
सवाल- रतहरा तालाब में कितने मकान गिराए गए और क्या कारण था?
जवाब- इसमें 68लोग चिन्हित हैं, जिसमें 14 के मकान गांवों में भी बने हैं। २० को मकान आवंटन की प्रक्रिया चल रही है, कुछ लोगों को दूसरी जगह पट्टा भी दिया है। तालाब सौंदर्यीकरण होना है इसलिए हटाना जरूरी था।
सवाल- हटाए गए लोगों का विस्थापन कहां हुआ ?
जवाब- जिन लोगों की व्यवस्था पहले से है, वे अपने यहां जाएंगे। शेष जो बचे हैं उन्हें आइएचएसडीपी के मकानों की पार्किंग में रखा गया है। उन्हें भोजन की भी व्यवस्था दी है।
सवाल- मकान देने में कितने दिन लग जाएंगे ?
जवाब- प्रक्रिया तो प्रारंभ कर दी है, लेकिन ऋण स्वीकृत करना एवं अन्य औपचारिकताएं जैसे ही पूरी होंगी मकान मिल जाएंगे।
सवाल- ऐसी क्या जल्दवाजी थी कि लॉकडाउन में मकान तोड़े गए ?
जवाब- सौंदर्यीकरण होना है, आगे चलकर बरसात भी आ जाएगी, इसलिए कार्य में विलंब होगा। इसी के चलते कार्रवाई हुई है।