बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी रहे अभय मिश्रा ने वर्ष 2018 में हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी और उसमें उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन किए जाने का हवाला देकर रीवा विधानसभा का चुनाव शून्य किए जाने की मांग की थी। हालांकि उनका आवेदन हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। उसके बाद 19 मई को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दयार की। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए आवेदन में स्टेटस-को दिया है।
गौरतलब है कि 2018 में हुए विधानसभा के चुनाव में रीवा विधानसभा सीट पर भाजपा ने राजेंद्र शुक्ल जबकि कांग्रेस ने अभय मिश्रा को अपना प्रत्याशी बनाया था। मतगणना में भाजपा के राजेंद्र शुक्ल ने अभय मिश्रा को 18 हजार मतों से पराजित किया था।