यह नया विश्वविद्यालय अभी तकनीकी रूप से कुछ वर्षों तक अपने मूल अस्तित्व में नहीं आएगा। यह केवल अभी युनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट की तरह काम करेगा। शहडोल के पीजी कालेज को ही फिलहाल विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड किया गया है। यहां पर अभी भवनों एवं अन्य संसाधनों को बढ़ाना है। जिसमें चार से पांच वर्ष तक का समय लग सकता है।
शहडोल संभाग में तीन जिलों में अभी पंद्रह सरकारी कालेज हैं और प्राइवेट कालेजों की संख्या भी कम है। इसलिए विश्वविद्यालय के दायरे के अनुसार यह बहुत कम माना जा रहा है। आगामी कुछ वर्षों में और कालेजों की संख्या बढऩे एवं उनके विस्तार होने की संभावना है।
इसलिए जब तक शहडोल का नया विश्वविद्यालय बेहतर तरीके से संचालन के लिए संसाधन नहीं पाएगा तब तक कालेजों की संबद्धता अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से ही रहेगी। माना जा रहा था कि नए विश्वविद्यालय की शहडोल में स्थापना से रीवा के विश्वविद्यालय का दायरा घटेगा। पूर्व में टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना जैसे दूरस्थ जिले भी यहीं से संबद्ध थे। शहडोल में विश्वविद्यालय स्थापना की मांग लंबे समय से की जा रही थी। वहां से रीवा की दूरी को देखते हुए छात्रों की सहूलियत के लिए नया विश्वविद्यालय खोला गया है।
– एडी कार्यालय रीवा से ही होगा संचालित
उच्च शिक्षा के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय की स्थापना करने की मांग स्थानीय लोगों द्वारा राज्यपाल से की गई थी। जिस पर विभाग से वस्तुस्थिति बताने के लिए कहा गया था। इसके बाद विभाग ने कहा है कि सभी जिलों में एक अग्रणी कालेज हैं, जो अन्य कालेजों के साथ समन्वय का कार्य करते हैं। शहडोल संभाग में सरकारी कालेजों की संख्या अभी बहुत कम होने की वजह से अतिरिक्त संचालक कार्यालय खोलने से विभाग पर आर्थिक बोझ आएगा। इसलिए अब तय किया गया है कि अतिरिक्त संचालक कार्यालय रीवा से ही शहडोल संभाग की व्यवस्थाएं देखी जाएंगी।
– इन कालेजों की अभी है संबद्धता
रीवा- ठाकुर रणमत सिंह कालेज, माडल साइंस कालेज, लॉ कालेज, शासकीय शिक्षा महाविद्यालय, आयुर्वेद कालेज, जीडीसी रीवा, सदाशिवराव माधवराव गोलवलकर कालेज, शहीद केदारनाथ महाविद्यालय मऊगंज, स्वामी विवेकानंद कालेज त्योथर, शासकीय कालेज गुढ़, नईगढ़ी, रायपुर कर्चुलियान, मनिकवार, देवतालाब, मनगवां, सेमरिया, गोविंदगढ़, नष्टिगवां आदि।
सतना- शासकीय पीजी कालेज, इंदिरागांधी गल्र्स कालेज, शासकीय महाविद्यालय अमरपाटन, नागौद, मैहर, जैतवारा, न्यूरामनगर, उचेहरा।
सिंगरौली– राजनारायण स्मृति कालेज बैढऩ, जीडीसी बैढऩ, शासकीय कालेज देवसर, बरका, सरई, चितरंगी।
सीधी– संजयगांधी कालेज, कन्या महाविद्यालय, शासकीय कालेज रामपुर नैकिन, चुरहट, मझौली, सिहावल, कुसमी।
शहडोल- शंभूनाथ शुक्ला कालेज(अब नया विश्वविद्यालय), जीडीसी शहडोल, शासकीय कालेज बुढ़ार, जयसिंह नगर, ब्योहारी, जैतपुर, उमरिया, बिरसिंहपुर पाली, चंदिया, मानपुर, पुष्पराजगढ़, कोतमा, जैतहरी, बिजुरी।
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शहडोल का नया विश्वविद्यालय प्रारंभ हो गया है। संसाधनों में विस्तार होने तक यहां यूटीडी कक्षाएं चलेंगी। भवनों का निर्माण तेजी के साथ चल रहा है। आने वाले दिनों में विस्तार होगा। फिलहाल एडी कार्यालय भी रीवा से ही संचालित होगा।
डॉ. प्रभात पाण्डेय, ओएसडी उच्च शिक्षा
शहडोल का नया विश्वविद्यालय प्रारंभ हो गया है। संसाधनों में विस्तार होने तक यहां यूटीडी कक्षाएं चलेंगी। भवनों का निर्माण तेजी के साथ चल रहा है। आने वाले दिनों में विस्तार होगा। फिलहाल एडी कार्यालय भी रीवा से ही संचालित होगा।
डॉ. प्रभात पाण्डेय, ओएसडी उच्च शिक्षा