बांदा के जिलाधिकारी हीरालाल शनिवार रात करीब नौ बजे अचानक अपने दल-बल के साथ छात्रा के घर पहुंच गए और छात्रा को एक प्रशस्तिपत्र देकर बधाई दी। जिलाधिकारी ने कहा, इस बिटिया की कामयाबी से पूरा जिला गौरान्वित हुआ है। हम मतदान में ‘90 प्लस’ के लिए भाग-दौड़ कर रहे हैं, लेकिन इस बिटिया ने तो मतदान से पूर्व जिले को ‘96 प्लस’ का तोहफा थमा दिया है, जो हम सबके लिए गौरव की बात है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तिंदवारी विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने भी छात्रा के घर जाकर बधाई दी और कहा कि अब बच्चियां धरती पर ही नहीं, आकाश में भी अपना स्थान बना रही हैं। यही है नया भारत।
प्रदेश में चौथा स्थान हासिल करने वाली छात्रा अपूर्वा की मां रेखा गुप्ता एक सरकारी विद्यालय में शिक्षिका हैं, जबकि उनके पिता जे.पी. गुप्ता उसी सरस्वती इंटर कॉलेज में शिक्षक हैं, जहां से पढक़र अपूर्वा ने यह मुकाम हासिल किया है। छात्रा के पिता जे.पी. गुप्ता बताते हैं कि उन्होंने बच्ची का कोचिंग और ट्यूशन बंद करवा दिया था, क्योंकि आते-जाते कुछ लोग बच्ची को परेशान करते थे। बच्ची ने स्कूल के अलावा घर में ही मन लगाकर पढ़ाई की है और यह स्थान हासिल किया।
छात्रा अपूर्वा का कहना है कि वह अपनी सफलता उन छात्र-छात्राओं को समर्पित करना चाहेगी, जो इस बार परीक्षा में असफल हुए हैं, ताकि अगले साल कड़ी मेहनत कर सभी छात्र-छात्राएं ‘96’ के बजाय ‘97प्लस’ हासिल करें। छात्रा ने कहा कि वह इंजीनियर बनकर देश की सेवा करना चाहती है।