सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि वह एसएससी परीक्षा घोटाले से लाभान्वित होने वाले लोगों को सेवा में शामिल होने का मौका नहीं दे सकती। कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में पूरी एसएससी परीक्षा प्रक्रिया और परीक्षा में गड़बड़ी नजर आ रही है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है ।
गौरतलब है कि इस वर्ष फरवरी माह में आयोजित हुई एसएसएसी सीजीएल 2017 (SSC combined graduate level examination 2017) परीक्षा में कई जगहों से गड़बड़ी की खबरें आई थीं। परीक्षार्थियों ने पेपर लीक होने और सामूहिक नकल होने का दावा भी किया था। इतना ही नहीं सैंकड़ों परीक्षार्थियों ने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन किया था। छात्रों की मांग थी कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए सहमति जताई थी, इसके बाद केंद्र सरकार ने मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दी थी। सीबीआई ने पेपर लीक के संबंध में मई में 17 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी जिनमें सिफी टेक्नॉलजी प्राइवेट लिमिटेड के 10 कर्मचारी भी शामिल हुए थे। सीबीआई की एफआईआर में सात छात्रों के भी नाम है जो परीक्षा में शामिल हुए थे। इन छात्रों पर प्रश्नपत्र के स्क्रीनशॉट के आधार पर मामला दर्ज किया गया जो कथित तौर पर लीक किया गया था और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
क्राइम ब्रांच ने एसएससी पेपर लीक से जुड़े केस में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था। गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ कि उसने कैंडिडेट से मोटी रकम लेने के बाद कंप्यूटर पर खास तरह के सॉफ्टवेयर को डाउनलोड किया था।