शुरुआती पढ़ाई गृह जिले से, जेईई की तैयारी के लिए किया कोटा का रुख (Kota Coaching)
नीलकृष्ण एक साधारण और गरीब परिवार से आते हैं। पिता निर्मल कुमार पेशे से किसान हैं। नीलकृष्ण ने शुरुआती दिनों में अपने गांव बेलखेड़, जोकि अकोला जिले में पड़ता है, से पढ़ाई की। यहां उन्होंने कक्षा 4 तक पढ़ाई की थी, जिसके बाद मिडल और हाईस्कूल की पढ़ाई कांजलातांडा से की है। 10वीं के बाद ही उन्होंने आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) में प्रवेश लेने का मन बना लिया और इसी सपने के साथ तैयारी में जुट गए। हालांकि, जेईई मेन क्रैक (How to Crack JEE Main) करने के लिए उनके पास महंगी कोचिंग की फीस नहीं थी। लेकिन उनकी प्रतिभा को देखते हुए कोचिंग संस्थान ने उन्हें 75 फीसदी का स्कॉलरशिप दिया। नीलकृष्ण ने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई कोटा (Kota Coaching) के प्रसिद्ध इंस्टीट्यूट से की। यह भी पढ़ें
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पिता को बताया अपनी ताकत, कहा- हमेशा प्रोत्साहित करते थे (JEE Main Session 2 Topper 2024)
एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में नीलकृष्ण ने बताया कि उनके पिता ने नील की पढ़ाई के लिए अपनी कई जरूरतों का त्याग किया है। इसके बाद भी वे नील के कम नंबर लाने पर उन्हें कभी डांटा नहीं करते थे। उसे हमेशा अच्छे नंबर लाने के लिए प्रोत्साहित करते थे। नीलकृष्ण ने कहा कि उनके पिता ही उनकी ताकत हैं। यह भी पढ़ें
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वहीं ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल करने को लेकर उन्होंने कहा कि ये सब कड़ी मेहनत, लगन और जूनुन के साथ पढ़ाई करने का नतीजा है। जानने की इच्छा ही किसी छात्र को बेहतर बनाती है। किसी भी छात्र को सवाल पूछने से हिचकिचाना नहीं चाहिए। एक अच्छे छात्र को तब तक सवाल पूछना चाहिए जब तक कि उनका कॉन्सेप्ट या टॉपिक (JEE Main Topics) क्लियर न हो जाए। यह भी पढ़ें