चेन्नई। अगर हौसले बुलंद हो तो आपको अपनी मंजिल मिल ही जाती है, ये बात तमिलनाडू की एनएल बेनो जेफाइन ने साबित कर दी है। 25 साल की जेफाइन देश की पहली पूरी तरह से दृष्टिहीन भारतीय विदेश सेवा (IFS) अफसर बनी हैं। इस बड़े फैसले के लिए जेफाइन ने पीएम नरेंद्र मोदी को शुक्रिया कहा है।
जेफाइन ने कहा कि मुझे बताया गया था कि IFS में निश्चित शर्तो के साथ कुछ अपवादों को छोड़कर दृष्टिहीन लोगों को जगह नहीं दी जाती है। बेनो फिलहाल एसबीआई में प्रोबेशनरी ऑफिसर हैं। अपनी इस कामयाबी के बाद जेफाइन शहर के स्कूलों और कॉलेजों में उत्साहवर्धक लेक्चर्स दे रही हैं।
पूर्व राजनायकों ने 100 फीसदी दृष्टिहीन लोगों को सर्विस में लेने के फैसले का स्वागत किया है। ये एक ऎतिहासिक फैसला है। जेफाइन ने पिछले साल UPSC की परीक्षा पास की थी, लेकिन उनकी पोस्टिंग पेंडिंग थी। बेनो ने बताया कि मुझे UPSC के इंटरव्यू के दौरान मेरी पोस्टिंग के बारे में संकेत मिल गया था, ज्यादातर सवाल विदेश नीति के इर्द-गिर्द ही पूछे गए थे।