गुरुवार को रखें व्रतः बृहस्पतिवार का दिन गुरु ग्रह को समर्पित है। गुरु को मजबूत करने के लिए इस दिन व्रत रखना चाहिए। इस दिन पीली मिठाई, हल्दी, बेसन आदि से बनी चीजों का सेवन करना चाहिए। साथ ही इन चीजों का दान करना भी शुभ माना जाता है।
गुरुदेव की करें पूजाः कुंडली में बृहस्पति ग्रह अशुभ स्थिति में हो तो बृहस्पति देव की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए। पुखराज रत्न करें धारणः जिस व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर होता है, उसे पुखराज रत्न पहनना चाहिए। हालांकि रत्न धारण करने से पहले ज्योतिषी की सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि ज्योतिषी कुंडली और राशि के अनुसार एवं ग्रह दशाओं के अनुकूल रत्न पहनने की सलाह देते हैं।
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पानी में हल्दी डालकर नहाएंः गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए पानी में हल्दी डालकर नहाना चाहिए। इससे गुरु का अशुभ प्रभाव कम होता है।
केले के पौधे की करें पूजाः गुरु के कमजोर होने पर केले के पौधे की पूजा करनी चाहिए। साथ ही हल्दी, गुड़ और चने की दाल चढ़ानी चाहिए। इससे शुभ फल मिलता है और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
पानी में हल्दी डालकर नहाएंः गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए पानी में हल्दी डालकर नहाना चाहिए। इससे गुरु का अशुभ प्रभाव कम होता है।
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जरूरतमंदों को दान करेंः गुरुवार के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को चने की दाल, केले और पीली मिठाई का दान करना चाहिए। इससे धन संपत्ति और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही गुरु की कृपा प्राप्त होने से तमाम परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है।
गुरु के इन मंत्रों का जाप करेंः गुरु की कृपा प्राप्त करने के लिए जातक इन मंत्रों का जाप कर सकता है।
1. ऊँ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु।
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणधेहि चित्रम्।।
2. गुरु का तांत्रिक मंत्र- ऊँ बृं बृहस्पतये नमः
3. गुरु का बीज मंत्रः-ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।
1. ऊँ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु।
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणधेहि चित्रम्।।
2. गुरु का तांत्रिक मंत्र- ऊँ बृं बृहस्पतये नमः
3. गुरु का बीज मंत्रः-ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।