श्रावण मास 2021 के सोमवार…
सोमवार, 25 जुलाई 2021 पहला सावन सोमवार व्रत
सोमवार, 02 अगस्त 2021 दूसरा सावन सोमवार व्रत
सोमवार, 09 अगस्त 2021 तीसरा सावन सोमवार व्रत
सोमवार, 16 अगस्त 2021 चौथा सावन सोमवार व्रत
वहीं रविवार, 22 अगस्त को पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्यौहार पर इस सावन माह का समापन होगा।
Must read- Sawan Somvar: यदि सुबह नहीं कर सके हैं शिव पूजा, तो शाम को करें ये उपाय
ऐसे समझें इस बार पड़ने वाले सावन सोमवार की स्थिति
पं. एके शुक्ला के अनुसार इस बार सावन में कुल चार सोमवार पड़ रहे हैं। जिसमें दो सोमवार कृष्ण पक्ष व दो सोमवार शुक्ल पक्ष में होंगे। माना जाता है कि श्रावण माह में भगवान शिव की पूजा, महामृत्युंजय मंत्र जाप व अभिषेक आदि करने से प्राणी सभी प्रकार के बाधा व रोग से मुक्त हो जाते हैं।
ऐसे समझें सावन के व्रत…
सावन को भगवान शिव का प्रिय माह माना जाता है,ऐसे में भक्तों द्वारा सावन में 4 प्रकार के व्रत रखे जाते हैं। धर्म के जानकारों के अनुसार इनमें से कम से कम तीन तरह के सावन के व्रत हर व्यक्ति को जीवन में एक बार अवश्य रखने चाहिए।
-: सावन सोमवार व्रत : सावन माह में सोमवार के दिन जो व्रत रखा जाता है उसे सावन सोमवार व्रत कहा जाता है। सप्ताह के दिनों में भी सोमवार का दिन भी भगवान शिव को समर्पित है।
फल: मान्यता के अनुसार सावन सोमवार का व्रत रखने वाले जातकों की मनोकामनाएं भगवान शिव पूर्ण करते हैं। इसके साथ सावन सोमवार के व्रत से मोक्ष प्राप्त होता है। जो महिलाएं सावन सोमवार का व्रत रखती हैं उन्हें भगवान शिव सौभाग्यवती होने का वरदान देते हैं। इस व्रत से घर में सुख-समृद्धि आती है।
-: सोलह सोमवार व्रत : भगवान शिव का प्रिय माह होने के चलते श्रावण को पवित्र माह माना जाता है। ऐसे में मुख्यरूप से कुंवारी लड़कियों द्वारा वर प्राप्ति के लिए सोलह सोमवार के व्रत रखे जाते हैं, सावन का महीना इन व्रतों को प्रारंभ करने के लिए बेहद ही शुभ समय माना जाता है। वहीं विवाहित इस व्रत को करने से पहले ब्रह्मचर्य नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
Must Read- सावन सोमवार के दिन इस कथा का पाठ दिलाता है हर समस्या से मुक्ति
फल: मान्यता के अनुसार सोलह सोमवार व्रत अविवाहिताएं इस व्रत से मनचाहा वर पा सकती हैं। वैसे यह व्रत हर उम्र और हर वर्ग के व्यक्ति कर सकते हैं लेकिन नियम की पाबंदी के चलते वही लोग इसे करें जो क्षमता रखते हैं।
-: प्रदोष व्रत : सावन में भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए प्रदोष व्रत प्रदोष काल तक रखा जाता है। इस सावन 2021 में 05 अगस्त को गुरु प्रदोष व 20 अगस्त को शुक्र प्रदोष व्रत रहेंगे।
फल: मान्यता के अनुसार गुरु प्रदोष से आपका बृहस्पति ग्रह शुभ प्रभाव तो देता ही है साथ ही इसे करने से पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। अक्सर यह प्रदोष शत्रु एवं खतरों के विनाश के लिए किया जाता है।
:मान्यता के अनुसार शुक्र प्रदोष जीवन में सौभाग्य की वृद्धि हेतु यह प्रदोष किया जाता है।
-: सावन की मासिक शिवरात्रि : इसके अलावा 06 अगस्त 2021 को मासिक शिवरात्रि भी रहेगी। मान्यता है कि इस व्रत को करने से दंपत्तियों का जीवन सुखमय और आनंदमय होता है।
Must Read- सावन में इन मंत्रों से करें देवाधिदेव महादेव की पूजा, जानें भगवान शिव के 108 नाम
साथ ही जीवन में आने वाली सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं। यह भी माना जाता है कि शिवरात्रि का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सावन सोमवार: व्रत और पूजा विधि
: प्रातः सूर्योदय से पहले जागें और शौच आदि से निवृत्त होकर स्नान करें।
: पूजा स्थल को स्वच्छ कर वेदी स्थापित करें।
: शिव मंदिर में जाकर भगवान शिवलिंग को दूध चढ़ाएं।
: फिर पूरी श्रद्धा के साथ महादेव के व्रत का संकल्प लें।
: दिन में दो बार (सुबह और सायं) भगवान शिव की प्रार्थना करें।
: पूजा के लिए तिल के तैल का दीया जलाएं और भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें।
: मंत्रोच्चार सहित शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल व बेल की पत्तियां चढ़ाएं।
: व्रत के दौरान सावन व्रत कथा का पाठ अवश्य करें।
: पूजा समाप्त होते ही प्रसाद का वितरण करें।
: संध्याकाल में पूजा समाप्ति के बाद व्रत खोलें और सामान्य भोजन करें।
मंत्र :
सावन के दौरान ‘नम: शिवाय ओम् नमः शिवाय ‘ का जाप करें।