माना जाता है कि मनुष्य की हथेलियों में भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और माता सरस्वती का वास होता है। ऐसे में सुबह उठकर सबसे पहले करदर्शन को महत्व दिया जाता है। उसी तरह धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ‘सप्तऋषियों’ का स्मरण करना भी फलदायी माना गया है। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वे सप्तऋषि…
वैदिक ग्रंथों के अनुसार सात ऋषियों का समूह सप्तऋषि कहलाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि प्रातः काल उठकर सप्तऋषियों का नाम लेने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पूरा दिन शुभ होता है। मान्यता है कि प्रलय के बाद जब-जब सृष्टि का सृष्टि की शुरुआत हुई है और इन्हीं सात ऋषियों की तपस्या, शक्ति, ज्ञान और मार्गदर्शन से संसार में सुखशांति स्थापित हुई है।
ये हैं सप्तऋषि-
मरीचि
अत्रि
अंगिरा
पुलस्त्य
पुलह
क्रतु
वशिष्ठ
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)