केसरी रंग अग्नि के रंग के समान है हिन्दू धर्म में माना जाता है कि केसरी रंग अग्नि के रंग के समान है। कहा जाता है कि अग्नि जीवन से अज्ञान रुपी अंधेरे को दूर करता है। अग्नि जीवन के हर बुराई को दूर करता है। जीवन में सकारात्मक विचार का संचार करती है और नकारात्मक सोच को दूर करती है। यही कारण है कि अग्नि समान केसरी रंग धारण करने से हर तरह से सकारात्मकता मिलती है।
खेलो पत्रिका flash bag NaMo9 contest और जीतें आकर्षक इनाम अग्नि को सबसे पवित्र माना गया है हिन्दू धर्म अग्नि को सबसे पवित्र माना गया है। जिस तरह अग्नि में मिलकर सबकुछ पवित्र हो जाता है, उसी प्रकार केसरी रंग भी पवित्रता का प्रतिक है। कहा जाता है कि जो भी केसरी रंग धारण करता है उसके विचार पवित्र होने लगते हैं। यही कारण है कि साधु-संन्यासी केसरी रंग धारण करते हैं ताकि वे खुद को पवित्र रखकर मोक्ष की ओर बढ़ सकें।
अग्नि को लेकर घुमते थे ऋषि-मुनि प्राचीन काल में ऋषि-मुनि अपने साथ अग्नि को लेकर चलते थे। उनका मानना था कि अग्नि से उन्हें मोक्ष का प्राप्ति होगी, साथ ही वे सत्य के मार्ग की ओर बढ़ते रहेंगे। हर वक्त अग्नि लेकर चलना संभव नहीं था तो ऋषि-मुनि केसरी रंग के ध्वज को अपने साथ रखने लगे। उसी समय से केसरी रंग को साथ रखने और केसरी रंग के वस्त्र धारण करने की परंपरा चली आ रही है, जो आज तक चल रही है।