सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी शनि प्रदोष पूजाः पुरोहितों के अनुसार शनि प्रदोष की पूजा 18 फरवरी को अत्यंत शुभ मुहूर्त सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी। सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू किया गया हर काम सफल होता है। त्रयोदशी यानी शनि प्रदोष की पूजा का शुभ मुहूर्त 18 फरवरी रात 6.08 बजे से रात 8.02 बजे तक है और इस दिन 18 फरवरी 5.42 पीएम से अगले दिन 19 फरवरी 6.50 एएम तक सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। यानी शनि प्रदोष की पूजा सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी।
सर्वार्थ सिद्धि योग में कोई भी काम करना शुभ माना जाता है। संपत्ति, वाहन आदि की इस योग में खरीद शुभ फलदायी है। यह योग वार और नक्षत्र के योग से बनता है। फाल्गुन प्रदोष श्रवण नक्षत्र और शनिवार के योग के कारण बन रहा है।
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शनि प्रदोष पर बन रहे कई और शुभ मुहूर्तः दृक पंचांग के अनुसार शनि प्रदोष के दिन कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। इन मुहूर्तों में शुभ काम विशेष फलदायी होंगे।
शनि प्रदोष पर बन रहे कई और शुभ मुहूर्तः दृक पंचांग के अनुसार शनि प्रदोष के दिन कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। इन मुहूर्तों में शुभ काम विशेष फलदायी होंगे।
ब्रह्म मुहूर्त- 18 फरवरी सुबह 5.11 एएम से सुबह 6. 01 एएम
अभिजीत मुहूर्तः 18 फरवरी दोपहर 12.12 पीएम से 12.57 पीएम
गोधूलि मुहूर्तः 18 फरवरी 6.15 पीएम से 6.41 पीएम
अमृतकालः 18 फरवरी 12.02 पीएम से 1.27 पीएम
विजय मुहूर्तः 18 फरवरी 2.29 पीएम से 3.15 पीएम
अभिजीत मुहूर्तः 18 फरवरी दोपहर 12.12 पीएम से 12.57 पीएम
गोधूलि मुहूर्तः 18 फरवरी 6.15 पीएम से 6.41 पीएम
अमृतकालः 18 फरवरी 12.02 पीएम से 1.27 पीएम
विजय मुहूर्तः 18 फरवरी 2.29 पीएम से 3.15 पीएम
आनंदादियोगः 7.06 पीएम तक शनि प्रदोष व्रत का महत्वः शनि प्रदोष व्रत से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन शिवलिंग के दर्शन से साधक को धन, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। पुरोहितों का कहना है कि इस दिन भगवान शिव पार्वती की पूजा के साथ शनि और शिव चालीसा भी पढ़नी चाहिए।