इस तरह करें भगवान शिव की पूजा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन में सोमवार व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर अपने घर की साफ-सफाई करें और स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इस दिन नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल और काले तिल डालकर स्नान करने का विधान है।
इसके बाद घर के पूजा स्थल की सफाई करके भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग की पूजा करें। पूजा की शुरुआत में शिवलिंग पर जल तथा पंचामृत से अभिषेक करें। अभिषेक के बाद शिवजी पर धतूरा, बेलपत्र, आक का फूल, कुशा, जनेऊ अर्पित करें। इसके बाद शिवजी को मीठे भगवान का भोग लगाएं। पूजा के बाद ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और व्रत कथा पढ़ें। अंत में धूप, दीप से भोलेनाथ की आरती करें।
व्रत के दौरान इन बातों का ध्यान रखें
पूजा के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को तुलसी दल, हल्दी और केतकी का फूल अर्पित करना निषेध माना गया है। इसके अलावा सावन व्रत में गेंहू, मैदा, आटा, बेसन, सत्तू जैसे अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए।
इसके अलावा सावन के महीने में बैंगन, प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा, सादा नमक के सेवन को भी वर्जित माना गया है। सावन के व्रत में कुंवारी कन्याएं मौसमी फलों, कुट्टू के आटे, साबूदाना, दूध, दही, पनीर, सेंधा नमक आदि का सेवन कर सकती हैं। मान्यता है कि सोमवार के व्रत में 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप बहुत फलदायी होता है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)