भगवान विष्णु के राम अवतार में जहां शिव को अपना आराध्य माना वहीं भगवान शिव भी श्रीराम को अपना आराध्य मानते हैं। ऐसे में जहां विष्णु पूजा से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, वहीं शिव पूजा से भगवान विष्णु को भी प्रसन्नता होती हैं।
इसके चलते बुधवार को आने वाली ये कामिका एकादशी 2021 भक्तों के लिए विशेष मायने रख रही है। इस दिन भक्त श्री हरि विष्णु के साथ ही भगवान शिव की भी पूजा कर दोनों से आशीर्वाद की प्राप्ति कर सकते है। तो आइये जानते हैं इस कामिका एकादशी वाले बुधवार को क्या और कैसे करें?
पंडित एके शुक्ला के अनुसार कामिका एकादशी के पूरे दिन भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए व्रत रखें। एकादशी तिथि पर चावल न खाएं। भगवान विष्णु की पूजा के बाद इस दिन व्रत कथा सुनें। इस दिन सादा सात्विक भोजन ही लें।
Must Read- ऐसे समझें भगवान शिव व श्रीराम को वहीं व्रत की रात जागरण करते हुए भगवान विष्णु का स्मरण करें। व्रत के बाद गरीब व जरूतमंद लोगों को भोजन के अलावा सामथ्र्य के अनुसार दान दें। इसके बाद ही स्वयं भोजन ग्रहण करें।
वहीं सावन का माह होने के चलते इस दिन शाम के समय भगवान शंकर की शिव परिवार सहित पूजा करनी चाहिए। इस दिन शिव पूजा में गंगाजल का उपयोग जरूर करें। वहीं पूजा में भोलेनाथ की प्रिय वस्तु बिल्वपत्र के अलावा भांग, धतूरा आदि भी रख सकते हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजा के दौरान जल, दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत, वस्त्र, जनेऊ, कलावा, पीला चन्दन, रोली, फूल, फल,पान, सुपारी, आक, पंचमेवा,लौंग, इलायची सहित धूप, दीप आदि आवश्यक हैं।
इस एकादशी को मंदिर जाकर जल व दूध से शिवलिंग का अभिषेक भी कर सकते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से न केवल भगवान शिव बल्कि श्री हरि विष्णु भी प्रसन्न होंगे। जिसके फलस्वरुप आपको आशीर्वाद मिलने से इच्छित वरदान भी प्राप्त होगा।