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Sawan 2022: कपाट खुलते ही उमड़ पड़ती है भक्तों की भीड़, जानिए आगरा के इस मंदिर की क्या है मान्यता जहां दर्शन मात्र से पूरी होती है मनोकामना

भगवान शिव को समर्पित सावन के महीने का प्रारंभ 14 जुलाई 2022 से जो चुका है। ऐसे में शिवालयों में भक्तों का आना-जाना लगा रहता है। वहीं आगरा के इस मंदिर में सावन में कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है। माना जाता है कि यहां दर्शन मात्र से ही व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण होती है।

Jul 16, 2022 / 11:35 am

Tanya Paliwal

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Sawan 2022: कपाट खुलते ही उमड़ पड़ती है भक्तों की भीड़, जानिए आगरा के इस मंदिर की क्या है मान्यता जहां दर्शन मात्र से पूरी होती है मनोकामना

Mankameshwar Mandir: हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत ही पवित्र और शुभ माना जाता है। मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव स्वयं धरती पर आकर ब्रह्मांड का संचालन करते हैं। इस साल सावन की शुरुआत 14 जुलाई 2022 से हो चुकी है। सावन के पूरे महीने में श्रद्धालुओं द्वारा पूजा-पाठ और अनुष्ठान किए जाते हैं। साथ ही भगवान शिव के कुछ ऐसे खास मंदिर हैं जिनकी काफी मान्यता है। उन्हीं में से एक आगरा का ‘मनकामेश्वर मंदिर’ है। सावन के महीने में मनकामेश्वर मंदिर के कपाट खुलते ही सुबह से ही भक्तों का आना जाना प्रारंभ हो जाता है। माना जाता है कि आगरा के मनकामेश्वर मंदिर में केवल दर्शन मात्र से ही भक्तों की हर मुराद पूर्ण होती है। तो आइए जानते हैं मनकामेश्वर मंदिर का क्या है इतिहास…

मनकामेश्वर मंदिर आगरा शहर के रावत पाड़ा में स्थित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि मनकामेश्वर मंदिर में शिवलिंग की स्थापना स्वयं महादेव ने की थी। पर्यटन की दृष्टि से भी यह मंदिर विशेष स्थान रखता है, परंतु सावन के महीने में मनकामेश्वर मंदिर में सुबह से रात तक भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है।

कैसे भगवान शिव ने की थी शिवलिंग की स्थापना
मान्यता है कि भगवान शिव स्वयं द्वापर युग में श्री कृष्ण के जन्म के समय उनके दर्शन के लिए कैलाश से आगरा आए थे। साथ ही आज जहां पर मनकामेश्वर मंदिर स्थित है वहीं भोलेनाथ ने उस समय विश्राम किया था। फिर जब वह बाल कृष्ण को देखने के लिए गए तो उनकी वेशभूषा को देखकर यशोदा मां भयभीत हो गईं और अपने लल्ला को शिव जी से मिलाने से इनकार कर दिया।

इस बात से शिव जी बहुत दुखी हो गए तो यशोदा मां ने तब जाकर बाल कृष्ण से भोलेनाथ को मिलवाया। इससे शिव जी बहुत खुश हो गए। श्री कृष्ण से मिलकर प्रसन्न हुए भोलेनाथ ने तब लौटकर आगरा में शिवलिंग की स्थापना की। महादेव ने कहा कि जिस तरह मेरी मनोकामना पूर्ण हुई है, उसी तरह शिवलिंग के दर्शन मात्र से भक्तों की भी हर मुराद पूरी होगी। मान्यता है कि तब से ही यह मंदिर ‘मनकामेश्वर मंदिर’ के नाम से मशहूर है।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)

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