कैसे भगवान शिव ने की थी शिवलिंग की स्थापना
मान्यता है कि भगवान शिव स्वयं द्वापर युग में श्री कृष्ण के जन्म के समय उनके दर्शन के लिए कैलाश से आगरा आए थे। साथ ही आज जहां पर मनकामेश्वर मंदिर स्थित है वहीं भोलेनाथ ने उस समय विश्राम किया था। फिर जब वह बाल कृष्ण को देखने के लिए गए तो उनकी वेशभूषा को देखकर यशोदा मां भयभीत हो गईं और अपने लल्ला को शिव जी से मिलाने से इनकार कर दिया।
इस बात से शिव जी बहुत दुखी हो गए तो यशोदा मां ने तब जाकर बाल कृष्ण से भोलेनाथ को मिलवाया। इससे शिव जी बहुत खुश हो गए। श्री कृष्ण से मिलकर प्रसन्न हुए भोलेनाथ ने तब लौटकर आगरा में शिवलिंग की स्थापना की। महादेव ने कहा कि जिस तरह मेरी मनोकामना पूर्ण हुई है, उसी तरह शिवलिंग के दर्शन मात्र से भक्तों की भी हर मुराद पूरी होगी। मान्यता है कि तब से ही यह मंदिर ‘मनकामेश्वर मंदिर’ के नाम से मशहूर है।
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