इस सावन 2021 में हिंदू पंचांग के अनुसार पुष्य नक्षत्र 07 अगस्त से 08 अगस्त तक रहेगा।
07 अगस्त, शनिवार को सावन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पुष्य नक्षत्र सुबह 08:17 से उदय होंगे और जो रविवार 08 अगस्त, को ही सावन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि तक सुबह 09:19 तक रहेंगे।
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पंडित एके शुक्ला के अनुसार रवि पुष्य योग को हिंदू कैलेंडर में एक शुभ मुहूर्त माना जाता है। मान्यता के अनुसार इस शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य में सफलता मिलती है। रविवार, 08 अगस्त का रवि पुष्य योग भी इस प्रकार का शुभ योग है।
ऐसे समझें: रवि पुष्य योग का महत्व
शास्त्रों के अनुसार किसी नए कार्य को करने के लिए रवि पुष्य योग को अत्यंत शुभ मना गया है। इस दिन घर पर नई वस्तुओं को खरीदकर लाना भी अच्छा माना गया है। इसके अलावा इस दिन भूमि भवन के अलावा दुकान, वाहन और आभूषण आदि को खरीदना शुभ माना जाता है।
पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। इस नक्षत्र के नाम से इसका अर्थ पोषण करना या पोषण करने वाला है।
वैदिक ज्योतिष में गाय के थन को पुष्य नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना गया है। इसे ‘अमरेज्य’ भी कहते हैं। अमरेज्य यानि देवताओं का पूज्य। पुष्य नक्षत्र के देवता देवगुरु बृहस्पति माने जाते हैं। वहीं इसके अधिपति ग्रह शनि हैं।
ऐसे में पुष्य नक्षत्र को लेकर ये भी माना जाता है कि दोनों ग्रहों के प्रभाव के चलते जहां शनि के चलते ये स्थायित्व देता है वहीं बृहस्पति के कारण बुद्धिमत्ता व शुभत प्रदान करता है। वहीं दोनों ग्रहों के प्रभाव से पुष्य नक्षत्र किसी भी कार्य को शुभ व चिर स्थायी बना देता है।