पापमोचनी एकादशी पर शुभ योगः पापमोचनी एकादशी के दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं। शिव योग इस दिन 11.54 पीएम तक है। अधिकांश शुभ कार्यों के लिए शिव योग अच्छा मुहूर्त माना जाता है। वहीं पापमोचनी एकादशी से शुरू होकर 19 मार्च 8.07 पीएम तक सिद्ध योग बन रहा है। इसके अलावा पापमोचनी एकादशी के दिन कई और शुभ मुहूर्त बन रहे हैं, जो इस प्रकार हैं।
1. अभिजीत मुहूर्त 12.05 पीएम से 12.53 पीएम
2. अमृतकाल मुहूर्तः 3.05 पीएम से 4.31 पीएम
3. विजय मुहूर्त 2.09 पीएम से 3.17 पीएम तक ये भी पढ़ेंः Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि आने से पहले जरूर कर लें घर के ये जरूरी काम, वरना मां दुर्गा की नाराजगी कर सकती है कंगाल
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पापमोचनी एकादशी पूजा विधिः प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय के अनुसार पापमोचनी एकादशी पर नियमानुसार पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस दिन विधि विधान से पूजा से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और उसके सभी पाप का अंत होता है।
1. एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान ध्यान के बाद पूजा का संकल्प लें।
2. भगवान विष्णु की षोडषोपचार पूजा करें।
3. भगवान को धूप, दीप, चंदन, फल अर्पित करें।
4. जरूरतमंदों और भिक्षुकों को भोजन कराएं और श्रद्धानुसार दान दें
5. पापमोचनी एकादशी के दिन रात्रि जागरण कर भगवान का ध्यान करना चाहिए।
6. द्वादशी के दिन पारण करना चाहिए।
2. भगवान विष्णु की षोडषोपचार पूजा करें।
3. भगवान को धूप, दीप, चंदन, फल अर्पित करें।
4. जरूरतमंदों और भिक्षुकों को भोजन कराएं और श्रद्धानुसार दान दें
5. पापमोचनी एकादशी के दिन रात्रि जागरण कर भगवान का ध्यान करना चाहिए।
6. द्वादशी के दिन पारण करना चाहिए।
हरि वासर में वर्जित है पारणः द्वादशी तिथि का एक चौथाई समय हरि वासर के लिए निर्धारित होता है। इस समय में एकादशी व्रत का पारण नहीं करना चाहिए। एकादशी व्रत रखने वाले भक्त को हरि वासर बीतने के बाद ही पारण करना चाहिए।