वहीं पुनर्वसु नक्षत्र इस दिन को और विशिष्ट बना रहा है। इसी विशिष्ट योग नक्षत्र के समय भगवान श्रीराम जन्मोत्सव मनाया जाएगा और इस समय चैत्र नवरात्रि के नौ दिवसीय व्रत की पूर्णाहुति करना सबसे शुभ है। इस तरह इस समय के महामुहूर्त में किया जाने वाला कोई भी नवीन कार्य शुभ फल ही देगा।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चैत्र शुक्ल नवमी तिथि 30 मार्च गुरुवार के दिन पुनर्वसु नक्षत्र मिथुन राशि के चंद्रमा के प्रभाव में है, इस समय अमृत सिद्ध योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, गुरु और रवि योग समेत पांच शुभ योगों के बीच भगवान राम की उपासना का वक्त महामुहूर्त का निर्माण कर रहा है।
इस समय पूजा पाठ से घर में सुख शांति रहती है और पति पत्नी के संबंध अनुकूल रहते हैं। भाइयों के संबंध भी मधुर रहते हैं। सोने, चांदी के आभूषण, दो पहिया-चार पहिया वाहन, भूमि, भवन, कृषि भूमि, इलेक्ट्रॉनिक आइटम की खरीद स्थायी संपत्ति का कारक बनेगी।
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राम नवमी का मुहूर्तः 30 मार्च गुरुवार 11.11 एएम से 1.39 पीएम
राम नवमी का मध्याह्न क्षणः 12.25 पीएम
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का आरंभ 29 मार्च 9.07 पीएम
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का समापन 30 मार्च 11.30 पीएम
राम नवमी का मुहूर्तः 30 मार्च गुरुवार 11.11 एएम से 1.39 पीएम
राम नवमी का मध्याह्न क्षणः 12.25 पीएम
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का आरंभ 29 मार्च 9.07 पीएम
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का समापन 30 मार्च 11.30 पीएम
रामनवमी पूजा विधि (Ram Navami Puja Vidhi)
1. शुभ मुहूर्त में भगवान राम का केसरयुक्त दूध से अभिषेक करना चाहिए।
2. एक कटोरी में गंगाजल लेकर उसके सामने रामरक्षा सूत्र ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं रामचंद्राय श्रीं नमः का 108 बार जाप करना चाहिए। बाद में इस जल को पूरे घर में छिड़क देना चाहिए। इससे घर का वास्तु दोष भी दूर होता है।
3. रामचरित मानस पूरा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। इससे सुख समृद्धि खुशहाली आती है, भक्त भगवान की कृपा से वैभवशाली बनता है।
1. शुभ मुहूर्त में भगवान राम का केसरयुक्त दूध से अभिषेक करना चाहिए।
2. एक कटोरी में गंगाजल लेकर उसके सामने रामरक्षा सूत्र ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं रामचंद्राय श्रीं नमः का 108 बार जाप करना चाहिए। बाद में इस जल को पूरे घर में छिड़क देना चाहिए। इससे घर का वास्तु दोष भी दूर होता है।
3. रामचरित मानस पूरा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। इससे सुख समृद्धि खुशहाली आती है, भक्त भगवान की कृपा से वैभवशाली बनता है।
रामनवमी के इन उपायों से मिलेगा यह फल
रामरक्षा स्त्रोतम्ः इसका पाठ करने से आसपास का वातावरण सुरक्षित बन जाता है।
अयोध्याकांड का पाठः ऐसे लोग जिनके यहां संतान नहीं हो रही है, उन्हें अयोध्याकांड का पाठ करना चाहिए। इससे मनोवांछितफल प्राप्त होते हैं।
रामरक्षा स्त्रोतम्ः इसका पाठ करने से आसपास का वातावरण सुरक्षित बन जाता है।
अयोध्याकांड का पाठः ऐसे लोग जिनके यहां संतान नहीं हो रही है, उन्हें अयोध्याकांड का पाठ करना चाहिए। इससे मनोवांछितफल प्राप्त होते हैं।
श्रीराम कथा : इसके पाठ से पारिवारिक विद्वेष खत्म होते हैं।
श्रीराम स्तुतिः इसके पाठ से पारिवारिक संकट समाप्त होता है और अज्ञात भय का वातावरण समाप्त होता है। ये भी पढ़ेंः Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि में वाहन खरीदने से मिलेगा फायदा ही फायदा, जानें शुभ मुहूर्त
रामनवमी पर शुभ समय (दृक पंचांग के अनुसार)
ब्रह्म मुहूर्त 4.42 एएम से 5.28 एएम
अभिजीत मुहूर्त 12.00 पीएम से 12.50 पीएम
गोधूलि मुहूर्तः 6.34 पीएम से 6.57 पीएम
अमृतकालः 8.18 पीएम से 10.06 पीएम
गुरु पुष्य योगः 10.59 पीएम से अगले दिन 31 मार्च 6.14 एएम
अमृत सिद्धि योगः 10.59 पीएम से अगले दिन 31 मार्च 6.14 एएम
विजय मुहूर्तः 2.28 पीएम से 3.18 पीएम
निशिता मुहूर्तः 31 मार्च 12.01 एएम से 12.48 एएम
सर्वार्थ सिद्धि योगः पूरे दिन
रवि योगः पूरे दिन
ब्रह्म मुहूर्त 4.42 एएम से 5.28 एएम
अभिजीत मुहूर्त 12.00 पीएम से 12.50 पीएम
गोधूलि मुहूर्तः 6.34 पीएम से 6.57 पीएम
अमृतकालः 8.18 पीएम से 10.06 पीएम
गुरु पुष्य योगः 10.59 पीएम से अगले दिन 31 मार्च 6.14 एएम
अमृत सिद्धि योगः 10.59 पीएम से अगले दिन 31 मार्च 6.14 एएम
विजय मुहूर्तः 2.28 पीएम से 3.18 पीएम
निशिता मुहूर्तः 31 मार्च 12.01 एएम से 12.48 एएम
सर्वार्थ सिद्धि योगः पूरे दिन
रवि योगः पूरे दिन
कुछ कैलेंडर के अनुसार
सर्वार्थ सिद्धि योग : सुबह 6.06 से रात 10.59 तक
गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग तीस मार्च सुबह 10.59 बजे से 31 मार्च सुबह 6.13 बजे तक
गुरु योग और रवि योगः दिनभर (सूर्योदय से सूर्यास्त तक)
सर्वार्थ सिद्धि योग : सुबह 6.06 से रात 10.59 तक
गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग तीस मार्च सुबह 10.59 बजे से 31 मार्च सुबह 6.13 बजे तक
गुरु योग और रवि योगः दिनभर (सूर्योदय से सूर्यास्त तक)