पौष माह (Paush month) 2022 के प्रमुख त्यौहार व व्रत
11 दिसंबर 2022, रविवार- संकष्टी चतुर्थी
16 दिसंबर 2022, शुक्रवार- धनु संक्रांति (सूर्य का धनु राशि में प्रवेश), कालाष्टमी
19 दिसंबर 2022, सोमवार- सफला एकादशी
21 दिसंबर 2022, बुधवार- प्रदोष व्रत (कृष्ण), मासिक शिवरात्रि
23 दिसंबर 2022, शुक्रवार- पौष अमावस्या
02 जनवरी 2023, सोमवार- पुत्रदा एकादशी,वैकुण्ठ एकादशी,
04 जनवरी 2023, बुधवार- रोहिणी व्रत, प्रदोष व्रत,ब्रह्म गौर व्रत
06 जनवरी 2023, शुक्रवार- शाकम्भरी पूर्णिमा, पौष पूर्णिमा, स्नान दान व्रत की पूर्णिमा
सूर्य देव को नवग्रहों का राजा माना जाता है। वहीं कुंडली में ये आत्मा व पिता के कारक माने गए हैं। सूर्य को चूंकि मान सम्मान व यश का कारक माना जाता है ऐसे में यह भी माना जाता है कि सरकारी नौकरी या उच्च पद सूर्य देव (worship of god sun) की कृपा से प्राप्त किए जा सकते हैं। मान्यता है कि सूर्यदेव विधिवत पूजन-अर्चना (worship of god sun) से प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से ही जीवन में अच्छा कॅरियर प्रापत होता है।
जानकारों का मानना है कि सूर्य की स्थिति यदि कुंडली में अच्छी हो या वे आप पर प्रसन्न हो तो जातक को सरकारी कर्मचारी या उच्चाधिकारी बनने का अवसर प्राप्त होता है। ऐसे में ज्योतिष के जानकार पंडित एके शुक्ला का कहना है कि जो लोग सरकारी नौकरी व अन्य नौकरियों में भी उच्च पद पाना चाहते हैं उन्हें सूर्य की पूजा (worship of god sun) अवश्य करनी चाहिए इसके अलावा इनकी पूजा से जीवन में यश की भी प्राप्ति होती है।
सूर्यदेव की पूजा के तहत पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान के पश्चात सूर्य को अर्घ्य अर्पित (worship of god sun) करना चाहिए, जिसमें तांबे के लोटे में जल, लाल पुष्प, थोड़ा तिलक व रोली का होना आवश्यक माना जाता है। वहीं इसके पश्चात विधिपूर्वक पूजन के साथ ही आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए। माना जाता है कि विश्वासपूर्वक की गई इस पूजा और आदित्य ह्रदय स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ जातक की हर इच्छा पूर्ण करता है।
सूर्य को अर्घ्य का विशेष महत्व: वैसे तो सूर्य को जल हर रोज ही देना चाहिए, लेकिन कुछ लोग समय की कमी के चलते हर रविवार को ही सूर्य को जल दे पाते हैं। जो कि काफी हद तक अच्छा भी है, लेकिन हिंदू कैलेंडर के दसवें माह यानि पौष (Paush month) में सूर्य को हर रोज अर्घ्य (worship of god sun) देना विशेष फल (आशीर्वाद) प्रदान करता है।
हिंदू कैलेंडर के दसवें माह यानि पौष (Paush month) को लेकर माना जाता है कि इस महीने सूर्य ग्यारह हज़ार रश्मियों के साथ व्यक्ति को उर्जा और उत्तम सेहत प्रदान करते हैं, इसलिए इस महीने रोजाना सुबह सूर्य के उदय होने पर तांबे के पात्र से जल चढ़ाएं। अर्घ्य देने के लिए जल में लाल चंदन, लाल फूल भी मिला लें और “ॐ आदित्याय नम: (worship of god sun) मंत्र बोलते हुए जल अर्पित करें। इससे आत्मविश्वास में वृद्धि, अच्छी सेहत और संपन्नता का आशीर्वाद मिलता है।
पंडित शुक्ला के अनुसार इस महीने को लेकर कुछ विशेष मान्यताएं हैं, जिनके अनुसार पौष (Paush month) में मध्य रात्रि की साधना उपासना त्वरित फलदायी (worship of god sun) मानी जाती है। इस महीने में गर्म वस्त्रों और नवान्न का दान काफी उत्तम होता है। इस महीने में लाल और पीले रंग के वस्त्र भाग्य में वृद्धि करते हैं। इस महीने में घर में कपूर की सुगंध का प्रयोग स्वास्थ्य को खूब अच्छा रखता है।
– हिंदू कैलेंडर के दसवें माह पौष (Paush month) को बहुत पवित्र माना गया है, लेकिन यह भी माना गया है कि इस दौरान कोई नए काम जैसे नए बिजनेस आदि की शुरुआत नहीं करनी चाहिए, इसका कारण यह है कि इसी माह सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं जिसके बाद खरमास लग जाता है।
– ऐसे में इस बार 16 दिसंबर 2022 को सूर्य धनु राशि में जा रहे हैं जिसके चलते खरमासा शुरू होंगे। ऐसे में में मांगलिक कार्य करने पर रोक लग जाएगी। कहते है इस अवधि में शुभ कार्य करने के फल प्राप्त नहीं होता।
– पौष माह (Paush month) में तामसिक भोजन, मदिरा आदि को पूर्णत: वर्जित माना गया है। जबकि इस माह में नमक का प्रयोग कम से कम करने व मसालेदार भोजन, चीनी की मात्र में भी कमी लाने की बात कही जाती है, मान्यता है कि इन नियमों का पालन नहीं करने से स्वास्थ पर नकारात्मक असर पड़ता है। ये भी माना जाता है कि इस महीने में ठंडे पानी का प्रयोग, स्नान में गड़बड़ी और अत्यधिक खाना खतरनाक हो सकता है। इस महीने में तेल, घी का भी कम से कम प्रयोग करना चाहिए।
वहीं इस दौरान खाने पीने में मेवे और स्निग्ध चीजों का इस्तेमाल करने के साथ ही चीनी की जगह गुड को उचित माना गया है। इस दौरान अजवाइन, लौंग और अदरक का सेवन लाभकारी माना जाता है।