कब तक है पौष कृष्ण षष्ठीः आचार्य प्रदीप के मुताबिक पौष कृष्ण षष्ठी तिथि की शुरुआत 13 दिसंबर रात 9.21 बजे से लग गई थी, यह तिथि 14 दिसंबर रात 11 बजकर 42 मिनट तक रहेगी। हालांकि उदयातिथि में षष्ठी 14 दिसंबर को होने से पौष कृष्ण षष्ठी बुधवार को ही मनाई जा रही है।
गणपति पूजा का महत्वः पौष कृष्ण षष्ठी के दिन विघ्न विनाशक की पूजा अत्यंत लाभकारी है। इस दिन विघ्न विनाशक की पूजा से सभी संकट दूर हो जाते हैं। गणेशजी सुख समृद्धि प्रदान करने वाले देवता हैं। इसलिए आज के दिन गणेशजी को लाल पुष्प, वस्त्र, धूप दीप, अक्षत, गंध, सुपारी, पान का पत्ता, दूर्वा अर्पित करना चाहिए। गणेशजी की पूजा से धन लाभ मिलता है।
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कार्तिकेय की ऐसे करें पूजाः पौष कृष्ण षष्ठी को गणेशजी के बड़े भाई कार्तिकेय की पूजा का भी विधान है। ये दीर्घायु और यश प्रदान करने वाले देवता हैं। यदि आज के दिन गणेश और कार्तिकेय की पूजा साथ करते हैं तो अधिक अच्छा है।
कार्तिकेय की ऐसे करें पूजाः पौष कृष्ण षष्ठी को गणेशजी के बड़े भाई कार्तिकेय की पूजा का भी विधान है। ये दीर्घायु और यश प्रदान करने वाले देवता हैं। यदि आज के दिन गणेश और कार्तिकेय की पूजा साथ करते हैं तो अधिक अच्छा है।
आज के दिन करें यह काम
1. पौष कृष्ण षष्ठी के दिन भगवान शिव, गणेश और कार्तिकेय की पूजा करनी चाहिए।
2. आज के दिन शक्ति की उपासना भी करनी चाहिए।
3. आज के दिन हनुमानबाहुक का पाठ करना चाहिए।
4. पौष कृष्ण षष्ठी के दिन मसूर और गुड़ के दान का महत्व है।
5. इस दिन रामचरित मानस के अरण्यकांड का भी पाठ किया जाता है।
6. पुरोहित बताते हैं कि इस दिन शिव मंदिर में पौधरोपण भी फलदायी है।
7. घर में वास्तु दोष है तो गणेशजी की मूर्ति की स्थापना करें।
चंद्रोदय चंद्रास्त का समय
चन्द्रोदय – 22:47:00
चन्द्रास्त – 11:35:59
चन्द्र राशि– सिंह
चन्द्रोदय – 22:47:00
चन्द्रास्त – 11:35:59
चन्द्र राशि– सिंह