दूसरा दिनः दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा का दिन है। माता को हरा रंग प्रिय है। इससे इस दिन भक्त को हरे वस्त्र पहनना चाहिए। यह रंग समृद्धि, विकास और ऊर्जा भी लाता है।
तीसरा दिनः तीसरा दिन माता दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा के लिए समर्पित है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस दिन भूरे या ग्रे कलर के कपड़े धारण कर माता की पूजा करनी चाहिए। इससे माता अतिशीघ्र प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा इस रंग के कपड़े पहनने से बुराइयों का खात्मा होता है।
चौथा दिनः चौथे दिन माता कुष्मांडा की पूजा की जाती है। नारंगी वस्त्र पहनकर माता के चौथे स्वरूप की पूजा से यह प्रसन्न होती है। यह रंग खुशी और सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक माना जाता है।
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पांचवां दिनः नवरात्रि का पांचवां दिन माता आदिशक्ति के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा को समर्पित है। सफेद वस्त्र पहनकर मां स्कंदमाता की पूजा शुभ मानी जाती है, इससे जीवन में शांति, पवित्रता, ध्यान और सकारात्मकता फैलती है।
पांचवां दिनः नवरात्रि का पांचवां दिन माता आदिशक्ति के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा को समर्पित है। सफेद वस्त्र पहनकर मां स्कंदमाता की पूजा शुभ मानी जाती है, इससे जीवन में शांति, पवित्रता, ध्यान और सकारात्मकता फैलती है।
छठें दिनः नवरात्रि के छठें दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है। इसी स्वरूप ने महिषासुर का वध किया था, इस दिन लाल रंग के वस्त्र पहनकर माता की पूजा करनी चाहिए।
सातवें दिनः सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा की जाती है। इस स्वरूप का प्रिय रंग है नीला, इसलिए नवरात्रि के सातवें दिन नीले रंग के वस्त्र पहनकर माता की पूजा करनी चाहिए।
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आठवां दिनः आठवां दिन महागौरी की पूजा का दिन है, माता महागौरी का पसंदीदा रंग गुलाबी है। इसलिए भक्त को आठवें दिन गुलाबी रंग के वस्त्र पहनकर माता की पूजा करनी चाहिए।
आठवां दिनः आठवां दिन महागौरी की पूजा का दिन है, माता महागौरी का पसंदीदा रंग गुलाबी है। इसलिए भक्त को आठवें दिन गुलाबी रंग के वस्त्र पहनकर माता की पूजा करनी चाहिए।
नौवां दिनः नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस स्वरूप की पूजा बैंगनी रंग के वस्त्र पहनकर करनी चाहिए। यह रंग महत्वाकांक्षाओं का भी प्रतीक है, इसलिए शक्ति प्रदान करने वाली इस देवी की पूजा बैंगनी रंग के वस्त्र पहनकर करना चाहिए।