ये भी पढ़ें- सावधान! 27 जून तक फूंक-फूंक कर रखें कदम, नहीं तो हो सकता है बड़ा नुकसान दरअसल, पंचक काल ( panchak kaal ) में ही वर्षा ऋतु की शुरुआत हो रही है, ऐसे में माना जा रहा है कि शुरुआत के पांच दिन खूब बारिश होगी। साथ ही ये भी माना जा रहा है कि वर्षा का वाहन हाथी होने के कारण अच्छी बारिश के योग बन रहे हैं। कहा जा रहा है कि 15 दिन बाद पुनर्वसु नक्षत्र होने से भी बारिश का क्रम बना रहेगा। नवग्रहों में से सूर्य, मंगल, बुध, शनि और केतु सौम्य और जलानाड़ी में होने से सभी जगह संतोषजनक पानी बरसेगा।
वर्षाकाल में 41 वृष्टि योग भी 6 जुलाई से 3 अगस्त तक अच्छी बारिश का अनुमान है। 17 अगस्त के बाद फिर अच्छी बारिश होगी। 31 अगस्त के बाद अल्प वर्षा के योग बनेंगे। वर्षाकाल में कुल वृष्टि योग 41 है। आषाढ़ में 11, श्रावण में 15, भाद्रपद में 13 और आश्विन में 2 वर्षा के योग हैं। 14 सितंबर तक विभिन्न नक्षत्रों में तेज और अल्प वर्षा होगी। 14 सितंबर के बाद बारिश से राहत मिलेगी।
25 जून से 4 जुलाई तक बोवनी श्रेष्ठ विद्वानों के अनुसार इस बार 25 जून से 4 जुलाई के बीच बोवनी करना श्रेष्ठ है। इस दौरान बोवनी करने से किसानों को फायदा होगा। साथ ही जिन इलाकों में पहली बारिश हो चुकी है। वे बोवनी कर सकते हैं। यह कृषि के लिए अति उत्तम समय है।