Pradosh Vrat Muhurt: प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय के अनुसार माघ कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी की शुरुआत 19 जनवरी दोपहर 1.20 बजे से हो रही है, यह तिथि 20 जनवरी सुबह 10.02 बजे संपन्न हो रही है। प्रदोष व्रत की पूजा शाम को की जाती है, इसलिए यह व्रत 20 जनवरी को ही रखा जाएगा।
प्रदोष काल पूजा का समयः आचार्य के अनुसार प्रदोष काल पूजा का समय 19 जनवरी 2023 को शाम 5.49 से रात 8.30 बज तक कर सकते हैं।
प्रदोष व्रत का महत्वः मान्यता है कि इस व्रत से समस्त पापों का नाश होता है और भक्त को मोक्ष मिलता है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर होती हैं, अपार धन मिलता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है, रोग कष्ट दूर होते हैं और शिव पार्वती की पूजा से कुंडली से कालसर्प दोष और मांगलिक दोष से छुटकारा मिलता है।
गुरु प्रदोष व्रत 2023 पूजा विधि(Guru Pradosh Vrat Puja Vidhi): गुरु प्रदोष व्रत के दिन इस तरह पूजा करनी चाहिए।
1. सूर्योदय से पहले उठकर स्नान, ध्यान के बाद पूजा करें, और व्रत रखें। शाम के समय पूजा से पहले भी स्नान करें।
2. शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में शुभ फल देने वाली होती है।
3. शिवजी को पहले शुद्ध जल से फिर पंचामृत से स्नान कराएं फिर षोडशोपचार पूजा करें।
4. प्रदोष व्रत कथा का पाठ कर, भगवान शिव की आरती करें।
5. पूजा में त्रुटि के लिए क्षमा मांगें।
6. पूजा का प्रसाद भक्तों को बांटे फिर खुद ग्रहण करें।