धनिए की पंजीरी
जन्माष्टमी की पूजा में पिसे हुए धनिए का खास महत्व होता है। ऐसे में जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को सूखे धनिए की पंजीरी का भोग लगाना शुभ होता है। वहीं ज्योतिष में धनिया को धन से जोड़कर देखा जाता है। मान्यता है कि कान्हा जी को धनिए की पंजीरी का भोग लगाने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
गाय का घी और मूर्ति
हिन्दू धर्म में गौमाता को पूजनीय माना गया है। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कृष्ण जी को बचपन से ही गायों से बहुत लगाव था। वे अक्सर गायों और उनके बछड़ों के साथ खेलते थे या उन्हें चराने ले जाते थे। इसलिए जन्माष्टमी की पूजा में लड्डू गोपाल के साथ गाय की छोटी सी मूर्ति भी अवश्य रखें। इसके अलावा गाय के दूध और घी को जरूर शामिल करें।
वैजयंती के पुष्प
मान्यता है कि कृष्ण जी को वैजयंती का फूल बहुत प्रिय होता है। ऐसे में हो सके तो पूजा में वैजयंती के पुष्प या उसकी माना अवश्य चढ़ाएं। इससे कान्हाजी प्रसन्न होकर हर आपकी मनोकामना पूरी करते हैं।
बांसुरी
कहा जाता है कि कान्हा जी की बांसुरी की धुन के तो सभी दीवाने थे। जब भी वे बांसुरी बजाते थे तो उसकी मधुर आवाज सुनकर गोपियां नाच उठती थीं। इसलिए जन्माष्टमी की पूजा में कान्हा जी की मूर्ति के पास बांसुरी रखने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं।
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