ऐसे में माना जाता है कि गणेश चालीसा का इस दिन पाठ करने से भगवान श्री गणेश प्रसन्न होकर भक्तों को बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद देते हैं। इसके साथ ही उनकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण करते हैं। इसलिए गणेश पूजा के बाद गौरी पुत्र गणेश चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे कि गणेश जी की पूजा के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, नहीं तो वे रुष्ट भी हो जाते हैं। और उनके क्रोधित होने पर जातक के तमाम प्रयास विफल होना शुरु हो जाते हैं।
ऐसे करें गणेश पूजा
बुध के कारण भगवान गणेश की विशेष पूजा के दिन यानि बुधवार को सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के पश्चात गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं। वहीं ज्योतिष के अनुसार जिस किसी का कुंडली में बुध कमजोर होता है उसे इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनने के अलावा पास में हरे रंग का रुमाल भी रखना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाना विशेष लाभदायी होता है। इस दिन गणपति के मस्तक पर सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को सभी कार्यों में सफलता मिलती है। साथ ही, आर्थिक रूप से उन्नति मिलती है।
भगवान गणेश को मोदक का भोग
धार्मिक पुस्तकों के अनुसार गणेश जी को लड्डू या मोदक अति प्रिय हैं। इसी कारण बुधवार के दिन भगवान गणेश को मोदक का भोग अवश्य लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इसे करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर होती हैं। वहीं यह भी माना जाता है कि भगवान गणेश को दुर्वा अर्पित करने से व्यक्ति का तनाव और मानसिक समस्याएं दूर होती हैं, साथ ही बुद्धि का विकास होता है।
भूलकर भी न करें ये काम
भगवान गणेश की पूजा में वैसे तो लाल रंग के फूल और लाल सिंदूर का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि गणेश जी को सफेद फूल या केतकी के फूल भूल से अर्पित नहीं करना चाहिए। ध्यान रहे कि गणेश जी को बुद्धि और उत्साह का प्रतीक माना गया है। ऐसे में भगवान शिव की तरह गणेश जी को भी केतकी के फूल अर्पित नहीं करने चाहिए। इसके अलावा गणेश पूजा में सूखे और बासी फूलों का प्रयोग भूलकर भी करना अशुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार ऐसा करने वाले व्यक्ति से भगवान क्रोधित हो जाते हैं, जिससे उसके घर परिवार में दरिद्रता आती है। अत: गणेश जी की पूजा के दौरान गणेश जी को हमेशा ताजे फूल ही अर्पित करने चाहिए।