यहां तक की हनुमान जी के दर्शन मात्र से तक भक्तों की सभी तकलीफें दूर हो जाती हैं। यही वजह है कि हर गांव-शहर में हनुमान जी का मंदिर मिल जाते हैं। ऐसे में आज आपको पवन पुत्र व श्रीराम दूत हनुमान के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी स्थापना की कथा भी उतनी ही अद्भुत है, जितने अद्भुत हैं वहां स्थापित भगवान हनुमान…
जी हां, ये परम पवित्र व अद्भुत मंदिर है केसरी हनुमान मंदिर, जो हैदराबाद (Hyderabad) में स्थित है। केसरी हनुमान मंदिर पुराने हैदराबाद शहर में उपनगर करवन के जियागुड़ा पड़ोस में स्थित है जो तेलंगाना राज्य में हैदराबाद जिले से संबंधित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 17वीं शताब्दी के दौरान की गई थी। मान्यता के अनुसार रामायण काल में, माता सीता की खोज करते हुए, हनुमान ने इसी स्थान पर आकर श्री राम पूजा की थी।
MUST READ : हनुमान जी का ये अवतार! जिनका आशीर्वाद लेने देश से ही नहीं पूरी दुनिया से आते हैं लोग
मंदिर की स्थापना : 400 साल पहले हुई थीइस मंदिर का सीधा संबंध परम प्रतापी वीर राजा छत्रपति शिवाजी और उनके स्वामी समर्थ गुरु रामदास (Swami Samarth Guru Ramdas) से है। समर्थ गुरु रामदास ने साल 1647 में मुछकुंदा यानी कि वर्तमान मूसी नदी के किनारे इस मंदिर की स्थापना की थी। समर्थ रामदास स्वामी भगवान हनुमान और भगवान श्री राम के बहुत बड़े भक्त थे। वह “समर्थ सम्प्रदाय” के संस्थापक थे। मंदिर के पुजारी के अनुसार इस मंदिर की स्थापना 400 साल पहले हुई थी और मुगल बादशाह औरंगजेब (Aurangzeb) के काल में समर्थ गुरु रामदास ने देश भर में घूम-घूम कर हनुमान मंदिर की स्थापना की थी।
उस समय देश में औरंगजेब का शासन था और वह कई तरह से हिंदू धर्म के अनुयायियों को परेशान कर रहा था। वहीं इस समय छत्रपति शिवाजी महाराज लगातार औरंगजेब से युद्ध कर रहे थे और उनके स्वामी समर्थ गुरु रामदास देश भर में घूम-घूम कर हनुमान मंदिरों की स्थापना कर रहे थे। बताया जाता है कि उन्होंने पदयात्रा करते हुए भारत भर में 87 हजार हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की थीं, यहां स्वामी समर्थ ने मुचकुंदा नदी में स्नान करके हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की थी।
पिता केसरी महाराज के नाम पर ‘केसरी हनुमान’
इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर के हनुमान जी को उनके पिता केसरी महाराज (Kesari Maharaj) के नाम पर ‘केसरी हनुमान’ (Kesari Hanuman) कह कर पुकारा जाता है।
वहीं मंदिर को लेकर दूसरी मान्यता ये है कि यहां संकटमोचन हनुमान को केसर चढ़ाने का विशेष महत्व है। इसलिए इन्हें केसरी हनुमान जी कहा जाता है। इस मंदिर की दिव्य विशेषता है कि यहां भगवान को घी में केसर मिलाकर चोला चढ़ाया जाता है, साथ ही भोग-प्रसाद के लिए भी केवल घी का ही प्रयोग किया जाता है।
‘नंदा दीपक’ जलाने का विशेष महत्व
बताया जाता है कि इस मंदिर में घी का दीपक जलाने का विशेष महत्व है। घी से जलने वाले दीपक को ‘नंदा दीपक’ कहा जाता है और श्रद्धालुओं की मान्यता है कि यह दीपक कभी नहीं बुझता है, इसके साथ ही यहां यानि केसरी हनुमान के इस मंदिर में नारियल चढ़ाने का भी काफी महत्व है।
MUST READ : हनुमान जी की पूजा के भी हैं कुछ खास नियम, वर्जित हैं ये चीजें
तलघर में : मुख्य मूर्ति…
इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आपको नीचे उतरना पड़ता है क्योंकि हनुमान जी की मुख्य मूर्ति तलघर में स्थापित है। मंदिर में सज्जनगढ़ समर्थ रामदास पीठ के अनुसार सब उत्सव मनाए जाते हैं। इसके अलावा यहां गौ सेवा का विशेष महत्व है और इसी वजह से मंदिर में एक सुंदर गौशाला भी है।
यहां श्रद्धालु गाय को चारा खिलाते हैं और ऐसा मानते हैं कि जीवन में कितने भी कष्ट हों, अगर नियमित रूप से गौशाला में गौ सेवा की जाए और हनुमान जी के दर्शन किए जाएं, तो सब दुख दूर होते हैं।
विशेष पूजा : मंगलवार और शनिवार को
मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा आयोजित होती है। इसके अलावा यहां राम नवमी और हनुमान जयंती के साथ नवरात्र उत्साह से मनाए जाते हैं। शुभ अवसर के अलावा हनुमान जयंती महा महोत्सव, रथ सप्तमी, महा शिवरात्रि, उगादि, श्री राम नवमी, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी और बथुकम्मा पांडुगा इस मंदिर में सबसे बड़े उत्सव हैं।
उत्सव के दौरान इस मंदिर का वातावरण उज्ज्वल होता है और भक्तों का भारी जमावड़ा लगता है।
हनुमान जी के साथ इस मंदिर में शिव परिवार की भी मूर्तियां स्थापित है। मंदिर में एक स्वयंभू शनि देवता का भी मंदिर है, ऐसी मान्यता है कि उन्होंने मंदिर के एक पुजारी को सपने में दर्शन दिए थे, जिसके बाद पुजारी जी ने उनको बाहर निकाला।
इस मंदिर के साथ ये भी मान्यता है कि सीताजी ने हनुमान जी को अजर और अमर होने का वरदान दिया है। इसके अलावा हनुमान जी कलियुग के साक्षात देवता हैं, ऐसे में श्रद्धालु जब भी सच्चे मन से भगवान हनुमान को याद करते हैं, वे अपने भक्तों पर कृपा जरूर बरसाते हैं। हनुमान जी भक्तों के सब संकट हर लेते हैं।
आसपास के मंदिर आकर्षण: –
(1) जियागुड़ा श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर (1 किमी)
(2) श्री कर्मघाट हनुमान मंदिर (14 किलोमीटर)
(3) श्री तदबुंद वीरंजनीय स्वामी मंदिर (15 किलोमीटर)
सुबह: 6:00 बजे से 11:30 बजे और शाम: 4:00 बजे से 9:00 बजे तक।
यहां पहुंचने के लिए आप सिकंदराबाद तक ट्रेन में या विमान से हैदराबाद आकर किसी भी टैक्सी या बस सेवा के माध्यम से पहुंच सकते हैं। यह मंदिर सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन से सिर्फ 5 किलोमीटर की दूरी पर, हैदराबाद नामपल्ली रेलवे स्टेशन से लगभग 8 किलोमीटर और काचीगुडा रेलवे स्टेशन से लगभग 10 किलोमीटर दूर है।