हनुमान जी पर भक्तों की आस्था और विश्वास इतना अधिक है कि माना जाता है कि किसी भी समस्या का निवारण मात्र हनुमानजी की पूजा से हो जाता है। यह भी मान्यता है कि हनुमानजी की कृपा से ही धन, विजय और आरोग्य की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्री हनुमान का कौन सा पाठ किस स्थिति में करना चाहिए, यदि नहीं तो ऐसे समझें।
पंडित एके शुक्ला के अनुसार यूं तो आज यानि विजयदशमी का दिन हनुमान पूजा के लिए अत्यंत खास है ही, लेकिन इसके अलावा भी विभिन्न परिस्थितियों में हनुमान जी के विभिन्न पाठ करने का विधान है।
पंडित शुक्ला के अनुसार हनुमान चालीसा को ध्यान से समझते हुए पढ़ने पर पता चलता है कि हनुमान कलियुग के देवता हैं, जो तुरंत प्रसन्न होकर भक्तों के सभी तरह के कष्ट को दूर करते हैं। तो आइये जानते हैं कि हनुमानजी की कौन-से पाठ ( कौन-सी साधना) किस तरह के कष्ट मिटाने में खास सहायक होते है।
1. हनुमान चालीसा:- पं. शुक्ला के अनुसार माना जाता है कि जो व्यक्ति हर रोज सुबह और शाम हनुमान चालीसा पढ़ता रहता है उसे कोई बंधक नहीं बना सकता। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को अपने गलत कर्मों के कारण जेल हो गई हो, तो उसे संकल्प लेकर क्षमा-प्रार्थना करनी चाहिए और आगे से कभी किसी भी प्रकार के गलत कर्म नहीं करने का वचन देते हुए 108 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
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हनुमान बाहुक का पाठ:- वहीं हनुमान बाहुक पाठ के संबंध में पंडित शुक्ला का कहना है कि यदि आप गठिया, वात, सिरदर्द, कंठ रोग, जोड़ों का दर्द आदि तरह की पीड़ा से परेशान हैं, तो एक पात्र में जल लेकर उसे सामने रखकर 26 या 21 दिनों तक मुहूर्त देखकर हनुमान बाहुक पाठ करें। और पाठ के बाद हर दिन उस जल को पीकर दूसरे दिन दूसरा जल रख लें और फिर उस दिन के पाठ के बाद उसे भी पी लें। इस तरह से लगातार करने से हनुमान जी की कृपा से शरीर की समस्त पीड़ाओं से मुक्ति प्राप्त होती है।
बजरंग बाण :- कई बार अपने कार्य या व्यवहार के कारण हमारे शत्रुओं की संख्या में इजाफा हो जाता है। वहीं स्पष्ट बोलने वाले लोगों के गुप्त शत्रु भी होते हैं। इसके अतिरिक्त कई बार लोग आपकी तरक्की से जलते हैं और आपके विरुद्ध षड्यंत्र भी रचते हैं। मान्यता के अनुसार ऐसे समय में यदि आप सच्चे हैं तो श्री बजरंग बाण आपको बचाते हुए शत्रुओं को दंड देता है।
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माना जाता है कि हर रोज बजरंग बाण करने वाले व्यक्ति के शत्रु को उसके किए की सजा मिल जाती है, लेकिन एक जगह बैठकर अनुष्ठानपूर्वक बजरंग बाण का पाठ 21 दिनों तक करना चाहिए और हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।
हनुमानाष्टक :- किसी भी प्रकार का कैसा भी बड़ा और भीषण संकट हो संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ अत्यंत प्रभावकारी माना है। हनुमान जयंती पर इस पाठ से हर बाधा का नाश होता है और संकटों का अंत होता है। इस पाठ का प्रारंभ मंगलवार से करना सबसे अच्छा माना जाता है। एक खास बात ये है कि ये पाठ कभी भी व कहीं भी किया जा सका है। हां यदि आप जल्द ही कुछ खास फल चाहते हैं तो इसे करने की विधि हनुमान बाहुक की तरह ही है।