पैरों से जुड़ी समस्या होना
वास्तु शास्त्र के अनुसार नैऋत्य दिशा का स्वामी राहु-केतु ग्रह हैं। नैऋत्य कोण के दूषित होने से ये ग्रह घर के मुखिया के नितंब भाग और पांव की एड़ियों पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। वहीं अगर नैऋत्य कोण में कांटेदार पौधे लगी हो तो भी ग्रह स्वामी अक्सर बीमार रहता है और घर की सुख-संपदा भी दूर होने लगती है। इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें कि नैऋत्य कोण में मंदिर कभी ना बनाएं, नहीं तो घर के बुजुर्ग को पैरों की रोग हो सकते हैं।
मानसिक तनाव में वृद्धि
नैऋत्य कोण में साफ-सफाई ना रखने या गंदे होने से ना केवल मानसिक तनाव में वृद्धि नहीं होती है बल्कि आपसे ईर्ष्या रखने वाले लोग भी अधिक होते हैं। वहीं यदि आप किसी कोर्ट-कचहरी के मुकदमे में फंसे हैं तो उसमें जीत हासिल करने में भी ढेरों समस्याएं पैदा होने लगती हैं।
आर्थिक परेशानियों से घिरना
वास्तु शास्त्र के अनुसार नैऋत्य कोण के खाली होने का प्रभाव आपकी आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है। यदि नृत्य कोण को खाली रखा जाए तो घर के स्वामी को आर्थिक संकटों से जूझना पड़ सकता है। इसलिए घर की इस दिशा को हमेशा भारी रखना चाहिए।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)