धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूर्णिमा के दिन या किसी शुभ मुहूर्त में साबुत 21 चावल के दानों को हल्दी से पीला करके इन्हें एक लाल रंग के कपड़े में बांध दें। अब इस पोटली को माता लक्ष्मी के सामने रखें। इसके बाद माता लक्ष्मी जी पूजन करके कनकधारा स्रोत का पाठ करें। पाठ के बाद पोटली के कुछ चावलों को तिजोरी में और बचे हुए चावल के दानों को अपने पर्स में रख लें। मान्यता है कि इस उपाय से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चावल को देवताओं का अन्न माना जाता है। सच्चे मन से देवी-देवताओं को अक्षत और कुमकुम को एक साथ मिलाकर अर्पित करने से वह आपकी पूजा जल्दी स्वीकार कर लेते हैं। ऐसे में अगर मां अन्नपूर्णा को घर में चावल के ढेर पर स्थापित किया जाए तो घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती।
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चावल या अक्षत को पूर्णता का प्रतीक माना जाता है इसलिए देवीदेवताओं को कभी भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाने चाहिएं। वहीं ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक रोजाना भगवान के समक्ष चावल के 5 साबुत दाने अर्पित करने से धन-वैभव का आशीर्वाद मिलता है।
मीठे चावल बनाकर कौवों को खिलाने से व्यापार अथवा नौकरी में आ रही बाधाएं दूर होने के साथ ही सफलता और धन प्राप्ति के नए अवसर मिलने लगते हैं।
कई बार पितृ दोष के कारण भी जीवन में धन, व्यापार या परिवार से जुड़ी समस्याएं पैदा होने लगती है। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या के दिन चावल की खीर को रोटी के साथ कौवों को खिला दें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और अपने मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)