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Chanakya Niti: इन परिस्थितियों में ज्यादा ईमानदारी भी खड़ी कर सकती है आपके लिए समस्या

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में व्यक्ति के स्वभाव, गुण-अवगुण, शिक्षा, व्यापारिक जीवन, धन, शादी आदि सभी पहलुओं के बारे में जिक्र किया है। वहीं व्यावहारिक ज्ञान पर टिकी चाणक्य नीति में बताया गया है कि कई बार हमारा ज्यादा ईमानदार होना भी हम पर ही भारी पड़ सकता है।

Sep 07, 2022 / 03:56 pm

Tanya Paliwal

Chanakya Niti: इन परिस्थितियों में ज्यादा ईमानदारी भी खड़ी कर सकती है आपके लिए समस्या

चाणक्य नीति के अनमोल वचन: महान बुद्धिमानी, राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य की नीतियां हमें जीवन के पथ पर समझदारी से चलने और मार्ग में आने वाली परेशानियों को सूझ-बूझ से हल करने के लिए प्रेरित करती हैं। चाणक्य नीति जीवन के व्यावहारिक ज्ञान पर टिकी हुई है। जहां आचार्य चाणक्य ने जीवन में सफल होने के लिए व्यक्ति को अपने हर काम को लगन, मेहनत, निष्ठा और ईमानदारी से करने का उपदेश दिया है, वहीं व्यक्ति का ज्यादा ईमानदार होना हमेशा ही उसके लिए लाभदायक नहीं होता। तो आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य के इस बारे में क्या विचार हैं…

ज्यादा ईमानदारी भी सही नहीं

आचार्य चाणक्य ने एक सीधे तने वाले पेड़ का उदाहरण देते हुए कहा है कि जिस प्रकार एकदम सीधे खड़े हुए पेड़ को काटने में अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती। वह आसानी से कट जाता है। ठीक उसी तरह से किसी भी व्यक्ति को आवश्यकता से अधिक ईमानदार नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसे सीधे और ईमानदार स्वभाव वाले लोगों को ही सबसे ज्यादा कष्ट उठाने पड़ते हैं और अन्य लोग इस बात का आसानी से फायदा उठाकर अपना काम निकलवा लेते हैं।

इस बात को स्पष्ट करते हुए आचार्य चाणक्य ने आगे कहा है कि जीवन में लक्ष्य प्राप्ति के लिए ईमानदारी बहुत आवश्यक तत्व है, परंतु शीघ्र सफल होने के लिए मनुष्य के भीतर ईमानदारी के साथ चतुरता का लक्षण भी होना चाहिए अन्यथा आपके विरोधी आपकी योजनाओं को चुराकर आपसे भी आगे बढ़ सकते हैं।

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