शेर- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस प्रकार शेर अपने शिकार को हाथ से नहीं जाने देता। वह अपनी पूरी शक्ति से शिकार पर हमला करता है। उसी तरह हर इंसान को भी शेर की भांति अपना कोई भी काम पूरी ताकत और लगन से करना चाहिए तभी आप अपने काम में सफल हो सकते हैं।
कुत्ता- चाणक्य नीति में कुत्ते के गुणों का जिक्र करते हुए आचार्य चाणक्य ने कहा है कि हर व्यक्ति को हमेशा कुत्ते की तरह नींद लेना चाहिए। जिस तरह कुत्ता जरा सी आहट होने पर सावधान हो जाता है और उसकी नींद खुल जाती है। उसी प्रकार ही व्यक्ति की नींद होनी चाहिए ताकि वह जरूरत पड़ने पर तुरंत सावधान हो सके।
बगुला- चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने बगुले से संयम का गुण सीखने को कहा है। वे कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर बगुले की तरह ही संयम रखे और पूर्ण सामर्थ्यानुसार अपना हर काम करे तो उसे विजय होने से कोई नहीं रोक सकता।
कोयल- कहते हैं कि मनुष्य की पहचान उसकी वाणी से होती है। ऐसे में आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस प्रकार कोयल जब भी बोलती है उसकी मधुर वाणी ही निकलती है। उसी तरह हर इंसान को भी यह गुण सीखना चाहिए। यानी आपको अन्य लोगों से मधुरता से बात करनी चाहिए और यदि आप अच्छा न बोल सके तो चुप रहना चाहिए क्योंकि जिनकी वाणी में मिठास होती है उससे सभी लोग आकर्षित होते हैं।
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